नाभिकीय ऊर्जा क्या है |  nuclear energy कैसे उत्पन्न होती है |

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 नाभिकीय ऊर्जा क्या है

जब किसी प्रकार कि नाभिकीय तत्व का विखंडन या सलयन करवाया जाता है तब उसके द्रव्यमान में अंतर आ जाता है जिसकी वजह से अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होता है इसे नाभिकीय ऊर्जा कहते हैं , nuclear रियेक्टर में यह ऊर्जा,ताप ऊर्जा के रूप में स्टोर होती है

इस ताप ऊर्जा का उपयोग कर बायलर से भाप उत्पन्न कर durbine चलाया जाता है जिसको जनरेटर से अटैच कर विद्युत उत्पन्न किया जाता है

नाभिकीय ऊर्जा को परमाणु ऊर्जा भी कहा जाता है क्योंकि परमाणुओं को विखंडित किया जाता है, जिससे अधिक मात्रा में ताप ऊर्जा निकलता है इस ऊर्जा का उपयोग कर परमाणु बम और परमाणु ऊर्जा का निर्माण किया जाता है

नाभिकीय विखंडन का उपयोग -NUCLEAR  REACTOR में किया जाता है जिसमे यूरेनियम के समस्थानिकों का उपयोग होता है , इसमें नियंत्रित तरीके से नाभिकीय ऊर्जा उत्पन्न किया जाता है

नाभिकीय ऊर्जा की परिभाषा

जब  यूरेनियम जैसे नाभिकीय पदार्थ का उपयोग कर  उनका नाभिकीय विखंडन और संलयन करवाकर ऊर्जा प्राप्त की जाती है तो उसे NUCLEAR POWER कहा जाता  है

नाभिकीय  संलयन सूर्य और तारो में ऊर्जा उत्पत्ति का कारण है , आज कल साइंटिस्ट द्वारा भी नाभिकीय  संलयन करवाकर ऊर्जा उत्पन्न करने की खोज चल रही है

नाभिकीय ऊर्जा कैसे पैदा की जाती है

दोस्तों परमाणु ऊर्जा में नाभिकिय विखंडन तत्व का उपयोग किया जाता इसमें यूरेनियम का उपयोग किया जाता है NUCLEAR ENERGY दो तरीको से PRODUCE की जाती हैं

.1 नाभिकिय विखंडन इसमें युरेनियम का उपयोग कर भारी नाभिक को दो हलके नाभिक में तोड़ा जाता हैं जिससे अधिक HEAT और ENERGY PRODUCE होती हैं

.2 नाभिकिय संलयन इसमें दो हलके नाभिक जुड़के भारी नाभिक बनाते हैं इसमें भी अधिक HEAT और ENERGY PRODUCE होती

नाभिकिय विखंडन –इसमें नाभिकिय विखंडन तत्व युरेनियम के ISOTOPES का उपयोग कर भारी मात्रा में ऊष्मा और ENERGY प्राप्त की जाती इसके लिए नाभिकिय विखंडन तत्व जैसे युरेनियम 235, युरेनियम 238, प्लूटोनियम 239 का उपयोग किया जाता है

दोस्तों युरेनियम 235 बहुत ही UNSTABLE नाभिक वाला तत्व होता है जिसके कारण परमाणु ऊर्जा और परमाणु    RESEARCH में उपयोग किया जाता है युरेनियम 235 के नाभिक में 92 PROTON और 143 NEUTRON होता है जब मंद NEUTRON की की बमबारी की जाती है तब युरेनियम 235 का नाभिक UNSTABLE हो जाता है और विखंडन होने लगता है

नाभिकिय विखंडन -दो तरीको से होता हैं

1..नियंत्रित नाभिकिय श्रृंखला अभिक्रिया (CONTROL CHAIN REACTION )इसमे नाभिकिय ऊर्जा को CONTROL किया जाता हैं NUCLEAR REACTOR के अंदर जिससे यह SAFE होता हैं HUMAN और NATURE के लिए

2. नियंत्रित नाभिकिय श्रृंखला अभिक्रिया (UN CONTROL CHAIN REACTION )इसमें इंसान कुछ भी नही कर सकता यह तभी रुकेगी जब CHAIN REACTION SLOW होगी इसका एक्साम्पल  ATOM BOMB हैं

नियंत्रित नाभिकिय श्रृंखला अभिक्रिया

दोस्तों इसमें नाभिकिय विखंडन को नियंत्रित किया जाता इसके लिए नाभिकिय पदार्थ युरेनियम 235 और युरेनियम238 का उपयोग किया जाता हैं इसमें युरेनियम238 NATURE में 99.3% पाया जाता हैं और युरेनियम 235 NATURE में 0.7% पाया जाता हैं नाभिकिय विखंडन में युरेनियम 235 का ही उपयोग किया जाता हैं और इसके PLUTONIUM 239 का भी उपयोग होता है

युरेनियम 235 पर जब मंदगामी NEUTRON से बमबारी करया जाता हैं तब युरेनियम 235 दो हलके नाभिको में टूट जाता हैं जिससे नाभिक के द्रव्यमान में परिवर्तन आता हैं यही द्रव्यमान में कमी से बहुत जादा HEAT और ENERGY PRODUCE होती ,और इसके साथ 139 बेरियम + 94 क्रिप्टोन +3 NEUTRON भी PRODUCE होते हैं जिन्हे CONTROL कर के ही NUCLEAR REACTOR में ENERGY PRODUCE की जाती हैं

युरेनियम 235 ——>बेरियम + क्रिप्टोन + 3 NEUTRON

नाभिकीय विद्युत संयंत्र क्या है?

Nuclear reactor वह PLACE होता हैं जहाँ नियंत्रित नाभिकिय श्रृंखला अभिक्रिया का उपयोग कर NUCLEAR ENERGY PRODUCE की जाती हैं

इसके लिए इसका PLACE ऐसा SELECT किया जाता है जो इंसानों की पहुंच से दूर हो और आस पास पानी हो जिससे कभी NUCLEAR REACTOR में कोई PROBLEM आयी तो RADIATION को फैलने से रोका जा सके NUCLEAR REACTOR को कंक्रीट  के दीवाल से पूरा COVER किया जाता है जो बहुत मोटा होता है और पूरी तरह से सील बंद होता है

युरेनियम 235 पर NEUTRON की बमबारी करने पर MASS LOSS के कारण बहुत जादा मात्रा में HEAT और ENERGY निकलती है जिससे पानी को गर्म कर भाप बना कर उससे TURBINE चला कर GENERATOR से जोड़ा जाता है जिससे ELECTRIC ENERGY PRODUCE की जाती है

परमाणु रिएक्टर को नियंत्रित कैसे किया जाता है –

इसमें निम्न विधिओ द्वारा NUCLEAR REACTOR को MANAGE किया जाता है

CONTROLLER

-NUCLEAR REACTOR में CONTROL CHAIN REACTION के दौरान 3 NEUTRON PRODUCE होती है जिसमें कैडमियम के रोड से 2 NEUTRON को अवसोसित करवाया जाता है जिससे CHAIN REACTION CONTROL होता है और अभिक्रिया और आगे नही बढ़ती

MODERATOR

NEUTRON के SPEED को कम करता है MODERATOR के रूप में GRAPHITE और BERYLLIUM का USE  किया जाता है

COOLANT

के रूप में भारी जल का उपयोग किया जाता है जिससे HIGH TEMPERATURE CONTROL होता है भारी जल को DEUTERIUM भी कहा जाता है

  अनियंत्रित नाभिकिय श्रृंखला अभिक्रिया

अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया का उपयोग परमाणु BOMB में किया जाता है इसमें प्लूटोनियम 239 और यूरेनियम 235 का उपयोग किया जाता है

UN CONTROL CHAIN REACTION बहुत ही खतरनाक होता है इसमें PRODUCE- 3 NEUTRON अगले 3 नाभिकीय तत्व को विखंडित करेंगे और यह श्रृंखला अभिक्रिया चलते रहेगा जब तक की श्रृंखला अभिक्रिया SLOW नई हो जाती,

परमाणु बम से अत्यधिक मात्रा में ताप और रेडिएशन निकलती है , जिससे जान माल को सर्वाधिक नुकसान होता है                                       अधिक ताप की वजह से जीवो की मौत हो जाती है और जो जीव बच जाते है उनके कोशिकाओं में म्युटेशन उत्पन्न हे जाती है जिससे वह बाद में कैंसर का कारण बनती है 

परमाणु BOMB सबसे पहले अमेरिका में बनाया गया था जिसका नाम FAT BOY था और इसका पहला प्रयोग जापान के नागासकी सिटी में SECOND WORLD WAR के दौरान किया गया इसका प्रभाव इतना खतरनाक था की नागासाकी सिटी में लाखो लोग मरे गए और इसका दूरगामी प्रभाव भी दिखने लगा जिसमे CANCER, GENETIC MUTATION और मृत बच्चों का पैदा होना बहुत ही भैयावह EFFECT था

नाभिकिय संलयन -NUCLEAR FUSION

-नाभिकिय संलयन की  प्रक्रिया में दो हलके नाभिक आपस में जुड़कर या FUSION कर एक भारी नाभिक वाले तत्व बनाते है यह तभी POSSIBLE है जब दो नाभिको के बीच में DISTANCE 1.0×10th power 10 मीटर से भी कम हो

इस प्रकार का नाभिकिय संलयन STARS और सूर्य में होता है  ,FUSION कर HIGH AMOUNT में HEAT और ENERGY PRODUCE होती है

सूर्य में HYDROGEN के दो नाभिको के बीच PROTON- PROTON अभिक्रिया द्वारा द्वार HIGH प्रतिकरषण बल लगने लगता है जिससे नाभिको को सनलाइत करने के लिए 10th POWER 8 डिग्री KELVIN ताप और HIGH PRESSURE की जरुरत होती है NUCLEAR FUSION के लिए HIGH ताप और दाब EARTH में POSSIBLE नही है जिसके कारण यह सिर्फ STARS और सूर्य में ही ही हो  पाती है

भारत में परमाणु ऊर्जा की सुरुवात -NUCLEAR POWER START IN INDIA

भारत में  डाक्टर होमी जहाँगीर भाभा की वजह से नाभकीय प्रोग्राम सन 1944 में प्रारम्भ हुआ , इसलिए  होमी जहाँगीर भाभा  को भारतीय परमाणु प्रोग्राम के जनक के नाम से जाना जाता है

  • 19 दिसंबर 1945 को  टाटा मूलभूत अनुसन्धान संस्था – TIFR  की स्थापना हुआ
  • 10 अगस्त 1945 को परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना हुआ
  • 3 जनवरी 1954 को ट्राम्बे की स्थापना हुआ
  • 1967 में BARC  की स्थापना हुआ
  • भारत में परमाणु ऊर्जा विभाग प्रधानमंत्री के नियंत्रण में होता है

 भारत में परमाणु रिएक्टर-NUCLEAR REACTOR IN INDIA

  • kudankulam nuclear power plant-तमिलनाडु -PRESSURIZED HEAVY  WATER REACTOR पर  आधारित है पूरी तरह स्वदेसी यह NUCLEAR  पावर प्लांट 2013 में  1000 मेगा वाट की  पहली   UNITEऔर 2016 में 1000 मेगा वाट की दूसरी   UNITE स्थापित हुआ ,
  • kalpakkam nuclear power station- तमिलनाडु -में स्थित यह POWER STATION  -PRESSURIZED HEAVY  WATER REACTOR पर  आधारित है पूरी तरह स्वदेसी आधारित यह पावर प्लांट 1984 में स्थापित हुआ ,यही  पर इंदिरा  गाँधी परमाणु अनुसन्धान केंद्र IGCAR स्थापित है
  •  tarapur nuclear power plant-महाराष्ट्र -बोइलिंग वाटर रिएक्टर अधारित , अमेरिका  की GE  कंपनी की मदद से 1969 में  स्थापित किया गया भारत का पहला पावर प्लांट   था
  • narora nuclear power plant-उत्तर प्रदेश में PRESSURIZED HEAVY  WATER REACTOR पर अधारित इसे  1991 में स्थापित किया गया था
  •  kaiga nuclear power plant-कर्नाटक PRESSURIZED HEAVY  WATER रिएक्ट , सन 2000 में स्थापित 6 वा केंद्र है
  •  kakrapar nuclear power plant-गुजरात में PRESSURIZED HEAVY  WATER रिएक्टर भारत का सातवा रिएक्टर है
  •  rawatbhata nuclear power plant-राजस्थान में PRESSURIZED HEAVY  WATER REACTOR कनाडा की सहायता से 1971 में प्रारम्भ किया गया था

भारत में अनुसंधान रिएक्टर-RESEARCH REACTOR IN INDIA

  • अप्सरा – ट्राम्बे में भारत का पहला शोध रिएक्टर 1956 में स्थापित
  • साइरस–  ट्राम्बे में कनाडा की सहायता से 1960 में स्थापित हुआ था जिसे 2010 से बंद किया गया
  • कामिनी – कलपक्क्म में 1996 में स्थापित , इसमें  FBR  तकनीक में यूरेनियम 233 का उपयोग किया गया था

इसके अलावा – जेरिलीना  1961- ट्राम्बे , पूर्णिमा 1972 -ट्राम्बे  में स्थापित थी

INTERNATIONAL THERMO EXPERIMENT REACTOR ITFR-

  • यह WORLD का सबसे BIGGEST NUCLEAR REACTOR जिसे TOKAMAK कहा जाता है ,इसे FRANCE COUNTRY के के डरेच सिटी में STABILIZED किया गया है
  • इसके MEMBER COUNTRY AMERICA, JAPAN RUSS, SOUTH KORIYA, CHINA और 7वा INDIA है
  • ITFR का मुख्य AIM है NUCLEAR FUSION का इस्तेमाल कर बहुत अधिक मात्रा में ENERGY PRODUCE करना
  • NUCLEAR POWER का प्रबंधन हर COUNTRY की GOVERNMENT अपने LEVEL पर करती है किसी COUNTRY का NUCLEAR POWER REACTOR पर पूरा CONTROL होता है क्योकी यह बहुत है खतरनाक है
  • इसलिए इसके उपयोग को लेके GOVERNMENT सख्त RULE बनाती है और WORLD LEVEL पे इसके लिए REGULATION POLICY बनी हुई है जिसे STRONGLY APPLY किया जाता है

विश्व की सबसे घातक परमाणु आपदा –

आज NUCLEAR POWER का उपयोग MAXIMUM COUNTRY करती है और बहुत सारे COUNTRY में NUCLEAR घटनाये भी हुई है उन्ही में से आप को कुछ घटनाये आपको बताते है जिससे आप ये समझ जाओगे की इसका उपयोग बहुत सोच समझकर और सावधानी पूर्वक करनी चाहिए

  1. THREE MILE ISLAND 1979  अमेरिका में    एक द्वीप हुआ करता था जिसका नाम THREE MILE आइलैंड था  यही पर NUCLEAR घटना हुआ था जिसकी वजह से प्रकृति ,लोगो और जीवो  को बहुत नुकसान हुआ , यह परमाणु  इतिहास का बहुत बड़ा विध्वंशक घटना साबित हुआ जिसने पुरे विश्व को सोचने में  मजबूर कर दिया की क्या परमाणु ऊर्जा  सुरछित है  
  2. CHERNOBYL USSR 1986 उक्रैन  जो उस वक्त रूस का हिस्सा   था तब NUCLEAR DISASTER  हुआ था इसकी वजह से भी वहां भयानक आपदा आया था 
  3. JAPAN फुकुशिमा 2011- NUCLEAR रिएक्टर का संदूषण समुद्री पानी में फ़ैल गया था  जिससे जलीय जीव  और इंसान भी प्रभावित हुए

” नाभिकीय ऊर्जा  ” के बारे आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कृपया comment box में जरूर क्वेश्चन पूछे हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा, आप हमारे वेबसाइट peakstu.in पर यू ही आते रहे जहाँ पर हम विज्ञान , प्रोद्योगिकी, पर्यावरण औऱ कंप्यूटर जैसे विषयो पर जानकारी साझा करते है

CONCLUSION– नाभिकीय ऊर्जा क्या है

आज  आपने nuclear energy  के बारे में जाना  और यह भी जाना की परमाणु ऊर्जा कैसे बनाया जाता है उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आया होगा , SOCIAL NETWORK पर जरूर शेयर करे । 

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FAQ – नाभिकीय ऊर्जा क्या है

  1. Qभारत का प्रथम परमाणु रिएक्टर कौन सा है?

    A -tarapur nuclear power plant भारत का पहला परमाणु रिएक्टर  है?

  2. Q सूर्य में नाभिकीय ईंधन कौन है?

     A सूर्य में नाभिकीय ईंधन हिलियम है सूर्य में नाभिकीय संलयन होता है जिसकी वजह से बहुत ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न होता है

  3. Qनाभिकीय ऊर्जा प्राप्त करने हेतु क्या आवश्यक है?

     A नाभिकीय ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए नाभिकीय पदार्थ और परमाणु रिएक्टर आवश्यक है

  4. Q नाभिकीय दुर्घटना क्या होती है इससे बचाव के उपाय बताएं?

     A जब नाभिकीय उर्जा को नियंत्रित नहीं किया जा सकता तब रेडिएशन फैलता है इसे नाभिकीय दुर्घटना कहते हैं

  5. Q नाभिकीय संलयन क्या है उदाहरण सहित?

    A  जब दो या दो से अधिक नाभिकीय  पदार्थ आपस मिलकर नया नाभिकीय पदार्थ बनाते हैं  जिससे बहुत मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है यह प्रक्रिया भिकीय संलयन कहलाती है 

  6. Q विखंडन क्या है उदाहरण सहित समझाइए?

    A जब कोई भारी नाभिक वाला तत्व दो या दो से अधिक हल्के नाभिको में टूटती है तब इसे नाभिकीय विखंडन कहते हैं

  7. Qनाभिकीय रिएक्टर से विद्युत ऊर्जा कैसे प्राप्त की जाती है?

    A नाभिकीय विखंडन से बहुत ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न होता है जो ताप के रूप में होता है, इस ताप का उपयोग कर पानी को गर्म किया जाता है जिस से भाप निकलती है इस भाव को उपयोग टरबाइन चलाकर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने में क्या जाता है

  8. Q भारत का पहला नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थापित किया गया?

     A भारत का पहला नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र तारापुर में स्थापित किया गया था

  9. Q nuclear power meaning in hindi

    A nuclear power को हिंदी में नाभिकीय ऊर्जा कहा जाता है

  10. Q नाभिकीय ऊर्जा के प्रकार

    नाभिकीय ऊर्जा दो तरीको से प्राप्त होती है , नाभिकीय संलयन और नाभिकीय विखंडन से

  11. नाभिकीय ऊर्जा क्या है

    नाभिकीय  पदार्थ का विखंडन  करवाने पर उसके नाभिक के द्रव्यमान कई भागो मे विभाजित हो जाती है, नाभिक का द्रव्यमान टूटने से जो उर्जा उत्पन्न होती है वह नाभिकीय ऊर्जा कहलाती है

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