तापमापी किसे कहते हैं
किसी भी चीज का तापमान जब किस यंत्र से मापा जाता है तो वह यंत्र तापमापी (thermometer ) कहलाता है अधिकांश हम सभी जब हमारा तबीयत खराब होता है तब शरीर का तापमान चेक करने के लिए तापमापी का उपयोग किया जाता है।
यह एक उपकरण होता है जो वस्तुओं, पदार्थ या किसी जीव का तापमान मापता है। यह वस्तु के संपर्क में रहकर उसकी तापमान को मापता है। तापमापी के प्रकार विभिन्न होती हैं, जैसे – द्रव तापमापी ,डॉक्टरी तापमापी ,गैस तापमापी, ताप युग्म तापमापी ,प्लैटिनम प्रतिरोध तापमापी
अधिकांश तापमापी में तरल पदार्थ का उपयोग किया जाता है क्योंकि तरल पदार्थ में प्रसारण गुण पाया जाता है तापमापीयों में इसी गुण का उपयोग किया जाता है
इनका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है जैसे कि उद्योग , इलेक्ट्रॉनिक्स, रोगी की निगरानी, खाद्य सुरक्षा, और वैज्ञानिक अनुसंधान इत्यादि में।
तापमापी के प्रकार
इनमें है- द्रव तापमापी ,डॉक्टरी तापमापी ,गैस तापमापी, ताप युग्म तापमापी ,प्लैटिनम प्रतिरोध तापमापी, total radiant pyrometer
द्रव तापमापी
इस प्रकार के तापमापी में अधिकांश पारा और अल्कोहल का उपयोग किया जाता है इन दोनों पदार्थों में मुख्य अंतर यह होता है कि इनका तापमान परास अलग अलग होता है पारा 39 डिग्री सेंटीग्रेड पर जम जाता है और 357 डिग्री सेल्सियस पर उबल जाता है
इसलिए तापमापी में अधिकांश पारा का उपयोग किया जाता है जबकि अल्कोहल का उपयोग निम्नतम तापमान मापन में किया जाता है
डॉक्टरी तापमापी
इस तापमापी का उपयोग जीव जंतुओं के तापमान मापन में किया जाता है और इसी से ही इंसानों का भी तापमान मापा जाता है इस प्रकार की तापमापी में तापमान परास को भी कम रखा जाता है जो 35 से 43 डिग्री सेल्सियस या 95 फेरेनाइट से 110 फेरेनाइट तक होता है,
और इस तापमापी का उपयोग अक्सर बुखार में तापमान चेक करने के किया जाता है इस टाइप की तापमापी में 37 degree Celsius और 98 फेरे नाइट पर लाल निशान लगा होता है
इस लाल निशान से यदि पारा ऊपर चला जाता है तो समझा जाता है कि बुखार हुआ है और इसकी ऊंचाई तापमान की अधिक होने की सूचना देता है
गैस तापमापी
गैस तापमापी में हाइड्रोजन ( hydrogen fuel kya hai )और नाइट्रोजन गैस का उपयोग किया जाता है गैस तापमापी में हाइड्रोजन गैस का उपयोग करने पर इसके द्वारा 500 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान का मापन हो जाता है
जबकि नाइट्रोजन गैस का उपयोग करने पर इसके द्वारा 1500 डिग्री सेल्सियस तक की तापमान का मापन किया जा सकता है
ताप युग्म तापमापी
ताप युग्म तापमापी सीबेक प्रभाव पर आधारित है
सीबेक प्रभाव के अनुसार जब अलग अलग धातु के सिरे पर तार जोड़ कर एक बंद परिपथ का निर्माण किया जाता है
और और जब इन परिपथ की ज्वाइंट्स को अलग-अलग तापमान पर रखा जाता है तब परिपथ में धारा प्रवाहित होने लगती हैं
इस प्रकार उत्पन्न विद्युत धारा को ताप विद्युत धारा कहते हैं विद्युत उत्पादन में टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया जाता है
प्लैटिनम प्रतिरोध तापमापी
यह तापमापी एक प्रकार की प्लैटिनम प्रतिरोध का उपयोग कर बनाया जाता है इसमें प्लैटिनम तार एक सेंसर जैसे काम करता है ,इसका उपयोग बहुत ही संवेदनशील मामलो में इस तापमापी का उपयोग किया जाता है
Total radiation pyrometer
किसी वस्तु द्वारा उत्सर्जित विकिरण ऊर्जा की मात्रा को माप कर उस वस्तु की ताप की मात्रा निकाली जाती है इस तापमापी का उपयोग बहुत दूर स्थित वस्तुओं का ताप पता लगाने में क्या जाता है इसमें जानने वाली योग्य मुख्य बातें है कि इससे 800 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वाले वस्तुओं का ही तापमान मापा जा सकता है
किसी वस्तु में ताप का प्रभाव
- किसी पदार्थ में ताप बढ़ने पर उसके अंदर ताप का संग्रहण होने लगता है जिससे तापमान पहले और वर्तमान की ताप में अंतर होता है
- अधिकांश पदार्थों में तापमान बढ़ने पर वस्तु का आयतन भी बढ़ता है
- कुछ पदार्थों में तापमान बढ़ने पर वह अपने कंपोनेंट्स में विभाजित हो जाता है
- वायु में ध्वनि की चाल ताप घटने से चाल कम होता है और ताप बढ़ने से ध्वनि की चाल बढ़ती है
आपने क्या सीखा-
तापमान एक भौतिक मात्रक है जिसके बारे में हमने विस्तार पूर्वक बात की,किसी वस्तु में तापमान बढ़ने पर वह ताप उसके अंदर में ही संग्रहित होने लगती है जिससे उसकी तापमान और ज्यादा बढ़ने लगती है इसी तापमान को मापने के लिए तापमापी यंत्र का उपयोग किया जाता है तापमापी यंत्र में उपयोग होने वाले पदार्थ के आधार पर कई प्रकार के तापमापी पाए जाते हैं
तापमापी के प्रकार -ये कई प्रकार के होते,इनमे मुख्य रूप से शामिल हैं
द्रव तापमापी ,डॉक्टरी तापमापी ,गैस तापमापी, ताप युग्म तापमापी ,प्लैटिनम प्रतिरोध तापमापी, total radiant pyrometer
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