International space station क्या है
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पृथ्वी की निचली कक्षा में एक अंतरिक्ष स्टेशन है. यह एक बहुराष्ट्रीय सहयोगी परियोजना है जिसमें 15 देशों ने भाग लिया है: संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, कनाडा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, जापान, ब्राजील और 11 पूर्व सोवियत संघ के देश. अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी से लगभग 250 मील (400 किमी) की ऊंचाई पर स्थित है और यह हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा करता है.
अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण 1998 में शुरू हुआ था और यह 2011 में पूरा हुआ था. यह हमारे पृध्वी का सबसे महगी वास्तु है , इसको बनाने में बहुत खर्चा हुआ है जो की किसी एक देश की बस की बात नहीं है
international Space Station कितना बड़ा है
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) एक बड़ा अंतरिक्ष स्टेशन है जो पृथ्वी के निचले कक्ष में स्थित है. यह 109 मीटर लंबा और 73 मीटर चौड़ा है, जो लगभग एक फुटबॉल मैदान के आकार का है. ISS का वजन लगभग 420,000 किलोग्राम है, जो लगभग 925,000 पाउंड है.
ISS में कुल 16 मॉड्यूल हैं, जो विभिन्न कार्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं. उदाहरण के लिए, कुछ मॉड्यूल रहने के लिए उपयोग किए जाते हैं, कुछ प्रयोगशालाओं के लिए उपयोग किए जाते हैं, और कुछ ईंधन के लिए उपयोग किए जाते हैं. ISS में कुल 6 अंतरिक्ष यात्री रह सकते हैं
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का उद्देश्य क्या है
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) एक अंतरिक्ष स्टेशन है जो पृथ्वी के निचले कक्ष में स्थित है. यह 1998 में शुरू किया गया था और तब से लगातार चालू है. ISS का निर्माण और संचालन संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ, जापान और कनाडा द्वारा किया जाता है.
ISS का उद्देश्य अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने और काम करने के बारे में शोध करना है. ISS पर विभिन्न प्रकार के प्रयोग किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- अंतरिक्ष में मानव शरीर पर प्रभाव का अध्ययन
- नए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का विकास
- अंतरिक्ष से पृथ्वी का अध्ययन
- अंतरिक्ष में मानव शरीर पर प्रभाव
- नई दवाओं और चिकित्सा उपचारों का विकास
- नए उपकरणों और प्रौद्योगिकियों का विकास
- अंतरिक्ष मौसम और जलवायु का अध्ययन
- अंतरिक्ष में जीवन की संभावनाओं का पता लगाना
ISS ने अंतरिक्ष विज्ञान में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं. उदाहरण के लिए, ISS पर किए गए शोध से पता चला है कि लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मानव शरीर पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं, जैसे कि हड्डियों और मांसपेशियों का कमजोर होना, और दृष्टि में समस्याएं होना.
ISS पर किए गए शोध से नए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का भी विकास हुआ है, जैसे कि नए प्रकार के अंतरिक्ष सूट, और नए प्रकार के अंतरिक्षयान. ISS से पृथ्वी का अध्ययन करके, वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के वातावरण, जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में नई जानकारी प्राप्त की है.
ISS मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां दुनिया भर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष विज्ञान में शोध कर रहे हैं. ISS ने अंतरिक्ष विज्ञान में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं, और यह भविष्य में भी अंतरिक्ष विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
. अंतरिक्ष स्टेशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में लंबे समय तक मानवीय रहने की संभावनाओं का पता लगाना है. अंतरिक्ष स्टेशन में कई प्रयोगशालाएं हैं जहां अंतरिक्ष यात्री विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहे हैं. इन अनुसंधानों में शामिल हैं:
International space station किसने बनाया
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) को बनाने वाले देश निम्नलिखित हैं:
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- रूस
- यूरोपीय संघ
- जापान
- कनाडा
इन देशों ने मिलकर ISS को बनाने के लिए एक समझौता किया था, जिसे 1998 में हस्ताक्षरित किया गया था. ISS का निर्माण 1998 से शुरू हुआ था और यह 2011 में पूरा हुआ था. ISS अब पृथ्वी के निचले कक्ष में स्थित है और यह लगातार चालू है. ISS का निर्माण में इनके अलावा कई और और
देशों ने मिलकर बनाया है:. यह अब तक का सबसे बड़ा और सबसे महंगा अंतरिक्ष स्टेशन है. अंतरिक्ष स्टेशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में लंबे समय तक मानव की रहने की संभावनाओं का पता लगाना है. अंतरिक्ष स्टेशन में कई प्रयोगशालाएं हैं जहां अंतरिक्ष यात्री विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान करते रहते है
देश की एजेंसिओ का नाम
अमेरिका-National Aeronautics and Space Administration (NASA)
रूस- Russian Federal Space Agency (Roscosmos)
जापान- Japan Aerospace Exploration Agency (JAXA)
कनाडा- Canadian Space Agency (CSA)
यूरोपीय देश- European Space Agency (ESA)
FAQ – International space station क्या है
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) क्या है?
– अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) एक अंतरिक्ष में वायुमंडलीय यातायात के लिए समर्पित एक जीवनरहित अंतरिक्ष स्टेशन है। यह विभिन्न राष्ट्रों के सहयोग से बनाया गया है और विश्व के विभिन्न अंशों में स्थित है।
ISS का निर्माण कब और कैसे हुआ?
– ISS का निर्माण 1998 में शुरू हुआ और इसे भूमि पर बनाने के लिए विभिन्न अंतरिक्ष यातायात यानों का उपयोग किया गया। विभिन्न मामूली और महत्वपूर्ण वस्तुएं अंतरिक्ष में भेजी गईं और इसे अंतरिक्ष स्टेशन पर इकट्ठा किया गया।
ISS कहां स्थित है?
– ISS भूमि से लगभग 400 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसका माध्य अवकाश वक्री भूमि के चारों ओर होता है जिससे यह भूमि के चारों ओर चक्कर लगाते रहता है।
ISS का मुख्य उद्देश्य क्या है?
– ISS का मुख्य उद्देश्य विभिन्न अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यों को समर्थन करना, विज्ञान और तकनीकी को बढ़ावा देना, अंतरिक्ष में शारीरिक प्रयोग और नैतिक मानकों को अध्ययन करना और मानवीय अनुभव के लिए अंतरिक्ष के लिए रखरखाव के विकास में मदद करना है।
ISS में कौन-कौन से राष्ट्र शामिल हैं?
– ISS में विभिन्न राष्ट्रों के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, जैसे NASA (USA), Roscosmos (Russia), ESA (Europe), JAXA (Japan), और CSA (Canada), शामिल हैं।
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में लोग कैसे रहते हैं?
– ISS में लोग धरोहर में रहते हैं, जिसे “अंतरिक्ष में जीवन” के रूप में जाना जाता है। ये लोग अंतरिक्ष यात्रियों (Astronauts) या अंतरिक्ष यात्रिनियों (Cosmonauts) के रूप में भी जाने जाते हैं। इन यात्रियों का मुख्य कार्य अंतरिक्ष में विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान कार्यों को करना होता है।
ISS में कितने व्यक्ति एक समय में रह सकते हैं
– ISS में एक समय में आम तौर पर 6 से 7 यात्री रहते हैं, जो विभिन्न राष्ट्रों से आते हैं और साथ में विज्ञानिक और तकनीकी कार्यों में सहायता करते हैं।
ISS का वजन और आकार कितना है?
– ISS का वजन लगभग 420,000 किलोग्राम (लगभग 925,000 पाउंड) है और इसकी लंबाई 72.8 मीटर (लगभग 239 फीट) और चौड़ाई 108.5 मीटर (लगभग 356 फीट) है।
ISS की निर्माण में कितने खर्चे हुए?
– ISS की निर्माण में लगभग 100 अरब डॉलर (100 billion dollars) के लगभग खर्चे हुए हैं। यह विश्व के विभिन्न राष्ट्रों के सहयोग से बनाया गया है
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के फायदे क्या हैं?
– ISS के फायदे विभिन्न अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में हैं। इसमें विज्ञानिक अनुसंधान, उपग्रह प्रौद्योगिकी, मानवीय अनुभव और अंतरिक्ष उद्देश्यों का अध्ययन किया जाता है। इससे विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी को बढ़ावा मिलता है।
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