एकीकृत कीट प्रबंधन क्या है | ( IPM – INTEGRATED PEST MANAGEMENT )

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एकीकृत कीट प्रबंधन ( IPM – INTEGRATED PEST MANAGEMENT )

IPM – INTEGRATED PEST MANAGEMENT को हिंदी में एकीकृत हानिकारक कीट प्रबंधन कहा जाता है, इसमें ऐसे तरकीब का उपयोग किया जाता है जिसमे कीट की जनसंख्या रोकना, उन्हें मारना, खाद्य पदार्थ या फसल से कीटो को दूर रखना जैसे बहुत से विधिओ को अपनाया जाता है

INTEGRATED PEST MANAGEMENT में बहुत सारी विधिओ का उपयोग किया जाता है आइये जानते है विस्तार से 

Cultural measures-

जिसमे खेती से सम्बंधित कार्य कर कीटो का नियंत्रण किया जाता है

सही खेत का चुनाव –

खेती करने के लिए ऐसी उत्तम स्थल चुनना चाहिए जिसमे की कीटो का रोकथाम किया जा सके जैसे काली भूमि में बहुत पोषक तत्व होते हैं और उसमे जल धारण भी अधिक होता हैं इस कारण दिमक, चींटी जैसे छोटे कीट फसल को कम नुकसान पंहुचाते हैं

जुताई –

भूमि की गहरी जुताई करने से निचे की मिट्टी ऊपर आ जाती हैं जिससे कई कीडे और उनकी अंडे और उनका बिल तबाह हो जाता हैं, कीड़े बाहर आने से बर्ड्स के द्वारा उनका भोजन के रूप में ग्रहण किया जाता है

अवानछित पौधों को हटाना –

  कई फालतु पौधे होते है जिनकी वजह से कई कीट उनकी ओर आकर्षित होते हैँ  इसलिये उन्हें वहाँ से हटाना बहुत जरुरी होता है

कीटो के वैकल्पिक आश्रय पौधे –

  बहुत सारे कीटो के वैकल्पिक आश्रय कोई विषेस पेड़ या पौधा हो सकता है जिससे उन्हें फायदा होता है, ये पौधे विषम परिस्थितियों में कीटो के जीवन रक्छक साबित होते हैं

उर्वरक का उचित उपयोग –

किसी फसल में उर्वरक का उचित   उपयोग कर कीटो को नियंत्रित किया जा सकता है

फासफोरस के उचित उपयोग से चन्ने में   h आर्मीगेरा कीट  को रोका जा  सकता है, पौधों में potassium के उपयोग से plants की कोशिका भित्ति कठोर हो जाती है जिससे तन्ना छेदक जैसे कीटो से बचाव होता है

जल प्रबंधन –

यह देखा गया है की जब खेतो को पानी से भर दिया जाता है तो मिट्टी में मौजूद अनेक कीड़े और कीट डूबकर मर जाते है क्योंकि जल भरने से कीटो को ऑक्सीजन नही मिल पता साथ ही उनके अंडे और घोंसला भी खराब हो जाता है

फसल चक्र –

फसल को एक के बाद दूसरा फसल लगाने से उनमे आश्रित कीट को हानि होती है क्योंकि वह उसी फसल पे ही आश्रित होता है दूसरा फसल लगाने से वह उस फसल के लिए अनुकूल नही हो पाता

Trap फसल

Trap CROP का उपयोग कर उन फसलों को बचाया जा सकता है जिनमे हम उत्पादन चाहते है इसके लिए इन फसलों को मुख्य फसलों के साथ ही लगाया जाता है  ऐसे trap फसलों को border के रूप में फसलों के बीच में या line में लगाया जाता है

पत्तागोभी के 10 line के बाद सरसो की 2 line लगाया जा सकता है जिससे  diamondback moth, leaf  webber कीट सरसो के फसल की ओर आकर्षित होते हैं जिससे मुख्य फसल बच जाता हैं

यांत्रिक नियंत्रण

मशीनों और physical चीजों का उपयोग कर कीटो का नियंत्रण किया जा सकता हैं इनमें

1 हाथ से बिनकर कीट अंडे, लार्वा को अलग कर उन्हें नस्ट किया जाता हैं

2  कीट हमेशा 15-25 डिग्री तापमान में खुद को अनुकूलित रखते हैं, 15 डिग्री से कम तापमान रखना पॉसिबल नही हैं इसलिये भाप उपचार का सहारा लिया जाता हैं किटो को मारने के लिए क्वारीन्टाइन युक्त फसलों में जादा उपयोगी होते हैं क्योंकि फसल इससे घिरा होता हैं और कीट भी फसा होता हैं

फंदो का उपयोग –

विभिन्न प्रकार के कीटो के लिए किया जाता हैं

1 रात्रि कीटो के लिए light trap का उपयोग किया जाता हैं

2 नीले कपडे का उपयोग सर्वा हारी  कीटो को पकड़ने के लिए किया जाता हैं

3 मुसक प्रजाती को पकड़ने के लिए लोहे के छोटे पिंजरे का उपयोग किया जाता हैं

Radiant  energy का उपयोग –

उच्च  आवृत्ति की वाले radio तरंग उत्पन्न कर कीटो को  कुछ second में ही मारा जा सकता हैं,

   Radiant  energy का उपयोग गोदामों में अधिक प्रभावी है

Male insect को  sterile करना –  इसमें  नर कीट की जनन छमता को समाप्त कर दिया जाता है जिससे ये मादा कीट से सहवास करने के बाद में अंडे नही दे पाते जिससे कीटो की संख्या तुरंत कम हो जाती है

कर्कस आवाज से locust( टिड्डा )की झुण्ड को भगाया जाता है क्योंकि ये फसल को कुछ समय में ही बर्बाद कर देते हैं

जैविक नियंत्रण

इसमें शिकारी जीवो  का संरक्छन किया जाता है  

इनमें शामिल कीट हैं

Primary parasite – इसमें वनस्पति खाने वाले कीट पर परजीवी कीट आक्रमण करते हैं

Hyperparasite – ऐसे परजीवी प्राथमिक जीव के ऊपर आक्रमण करते है, इन्हे द्वितीयक परजीवी भी कहा जाता है

Auto parasite – सामान प्रजाती के कीट ही मादा कीटो पर आक्रमण कर खा जाते हैं

जैविक नियंत्रण में निम्न विधियां उपयोग में लायी जाती हैं

प्राकृतिक शत्रुओ का संरक्छन- इसमें  ऐसे predator जीवो को पाला जाता हैं जो हानिकारक जीवो का खात्मा करते हो जैसे हम अपने खेतो में बिल्लियाँ पाल सकते हैं क्योंकि ये  चूहों को खाते हैं, चील पाल सकते हैं जो फसल खाने वाले चिडियो को फसल से दूर भगाता है 

परजीवी छोड़ना –

कृषि में रोगकारक कीटो को रोकना बहुत मुश्किल काम हैं इस हेतु parasite का उपयोग किया जाता हैं ये कीट के शरीर में जाकर उन्हें अंदर से खाने लगते हैं जिससे उनकी संख्या नियंत्रित होती  हैं

Microbials/ pathogens –

बैक्टीरिया,कवक, virus, protozoa में कीटो में असर डालने डालने की छमता होती हैं

Bacillus thuringiensis के उपयोग से अनेक लारवो को मारने में सफलता प्राप्त हुई हैं

परभकछिओ का उपयोग –

धान में पाये जाने वाले तना छेदक कीड़े, नीबू के पत्तों को खाने वाले कीड़ो के नियंत्रण के लिए प्राकृतिक परभकछि बर्ड्स ( चिडियो ) का उपयोग किया जा सकता हैं जो फसलों को नुकसान पहुचाये बगैर कीटो का  सफाया करें 

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