सिंगल ब्लड सर्कुलेशन | डबल ब्लड सर्कुलेशन -की पूरी जानकारी

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सिंगल ब्लड सर्कुलेशन & डबल ब्लड सर्कुलेशन

किसी भी जिव जंतु में रक्त का प्रवाह हार्ट के माध्यम से होता है यह एक पंप के भाति कार्य करता है , हार्ट जीवो में  2,3,4 चैम्बर का होता है इसी चैम्बर के आधार पर ही किसी जंतु की BLOOD CIRCULATION निर्धारित होती है  जिसके आधार पर ब्लड को  SINGLE CIRCULATION AND  DOUBLE CIRCULATION में  बाटा गया है । चलिए विस्तार से जानते है

 जीवो में रक्त प्रवाह के प्रकार

इसे दो भागो में बाटा गया है ,जिन्हे   SINGLE CIRCULATION  और  DOUBLE CIRCULATION में कहा जाता है , और यह पूरी तरह से ह्रदय की संरचना पर निर्भर करता है

SINGLE  CIRCULATION ( एकल रक्त परिशंचरण ) –

जिसको  एकल परिशंचरणतंत्र कहा जाता है यह परिशंचरण FISH ( मछली ) में होता है, फिश में हार्ट 2 चैम्बर का होता है जिसमे एक अलिंद और एक निलय पाया जाता है 

FISH में BLOOD  बिना शुद्ध ऑक्सीजन के मछली के पुरे BODY से आती है यहाँ अलिंद से होते हुए निलय में  इक्कठा  होकर  BLOOD को HEART द्वारा पंप कर मछली के GILLS में भेजा जाता है वहाँ GILLS में पानी से ऑक्सीजन सोख कर BLOOD में मिलाया जाता है 

इसके बाद यह ऑक्सीजन मिला रक्त सीधे  मछली के BODY में चला जाता है  फिर ऑक्सीजनेटेड BLOOD का मछली द्वारा उपयोग कर लेने के बाद असुद्ध ब्लड को  HEART में  वापसं लाया जाता है 

इस पुरे श्रृंखला में BLOOD एक बार ही HEART में आती है इसलिए इसे  SINGLE  CIRCULATION कहा जाता है

Short way में समझाए तो

Body -blood – heart – gills- body  यही one way circulation है,

 fish में एक अलिंद और एक निलय होता है blood पहले आलिंद में आता है उसके बाद निलय से होते हुए gills में  जाता है 

DOUBLE CIRCULATION ( दोहरी रक्त परिशंचरण )

इसको द्वी परिशंचरणतंत्र कहा जाता है  यह अधिकांश बड़े   जंतुओ में होता है  हार्ट 4 चैम्बर का होता है जिसमे 2 अलिंद और 2 निलय होगा ,  इसमें मानव भी शामिल है

 इसमें  blood शिरा से होते हुए  बिना ऑक्सीजन के  शरीर से आकर महाशिरा से होते हुए  right अलिंद में आता है इसके  बाद त्रिवलनी कपाट को पार करते हुए  blood निलय में पहुँचता है इसके बाद निलय में  इस्थित अर्धचंद्रकपाट  से होते हुए फुफुस धमनी से फेफड़े में चला जाता है

फेफड़े में blood से ऑक्सीजन मिलता है इसके  बाद फुफुस शिरा  से  होते हुए  left अलिंद में आकर द्विवलनी कपाट से होते हुए  निलय में प्रवेश करता है निलय में दोबारा अर्ध चंद्र कपाट होता है जिससे होते हुए  blood  महाधमनी से शुद्ध रक्त पुरे body में जाता है

इस circulation में blood दो  बार heart  आता है ,इसको short way में ऐसा समझा जा सकता है

 – body – De oxidized blood – heart- lungs – heart -Oxidized blood – body

इस पुरे श्रृंखला में दोनों बार blood दोनों अलिंद और निलय में से होकर गुजरता है 

DOUBLE  CIRCULATION -दो तरीको से होता है

इसकी खोज William Harvey  नामक व्यक्ति ने किया था

1  PULMONARY CIRCULATION – BLOOD का HEART में  फुफुस धमनी से दाये निलय द्वारा फेफड़े मे जाना और   फेफड़े से फुफुस शिरा द्वारा ब्लड का  HEART मे वापस  आना

2 SYSTEMIC CIRCULATION – BLOOD ह्रदय में बाये निलय से महाधमनी द्वारा शुद्ध  रक्त  पुरे BODY मे जाती है   

CONCLUSION

ब्लड सर्कुलेशन में आपको अब   SINGLE CIRCULATION AND  DOUBLE CIRCULATION समझ में आ गया होगा और भी इसी प्रकार की  जानकारी यदि आपको चाहिए तो PLZ  कमेंट करे

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