श्रवण पारस क्या है
इंसानों में आवाज सुनने की क्षमता के आधार पर इसे तीन भागों में बांटा गया है, श्रव्य ध्वनि, अवश्रव्य और परा श्रव्य ध्वनि, इन तीनो को ही श्रवण पारस (hearing range )कहा जाता है
श्रव्य ध्वनि
इंसान के द्वारा सभी प्रकार की ध्वनि को सुनना संभव नहीं है सभी प्रकार की ध्वनि को सुनने की एक निश्चित क्षमता होती है जो की सभी जीवो के लिए अलग-अलग होती है, मनुष्य में ध्वनि की श्रवण क्षमता लगभग 20 Hz से लेकर 20000 Hz तक होता है
अवश्रव्य ध्वनि
जब कोई ध्वनि 20 Hz से कम हो तब उसे अवश्रव्य ध्वनि कहा जाता है इस प्रकार की ध्वनि इतनी कम होती है कि व्यक्ति के लिए सुनना इंपॉसिबल होता है, भूकंप से उत्पन्न ध्वनि,भंवरे की पंखों की भन भनाहत की ध्वनि, नाभिकीय विखंडन से उत्पन्न ध्वनि ये सभी अवश्रव्य ध्वनि है, इस प्रकार की ध्वनि को कुछ जीव जंतु ही सुन सकते हैं जैसे कुत्ते, डॉलफिन फिश इत्यादि
परा श्रव्य ध्वनि
जब ध्वनि की तीव्रता 20000 Hz से अधिक हो तब इसे परा श्रव्य ध्वनि कहा जाता है, इस प्रकार की ध्वनि को हर किसी के लिए सुनना असंभव होता है, इस प्रकार की ध्वनि को bat ( चमगादड़ )जैसे जीव उत्पन्न करते है और सुन भी पाते हैं
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