रक्त क्या है
रक्त एक सयोजी ऊतक है जो तरल पदार्थ या द्रव रूप में होता है, जो शिरा और धमनी में प्रवाहित होता है। यह अवसोसित पोसक पदार्थ को शरीर के अन्य भागों तक पहुँचता है।
रक्त फेफड़ों से ऑक्सीजन को अपने में मिलाकर लाता है तब हीमोग्लोबिन कहलाता है रक्त शरीर से व्यर्थ पदार्थों को भी बाहर निकालने का कार्य करता है
रक्त एक तरल द्रव्य पदार्थ है जो सभी जीवो मे पाया जाता है, BLOOD मे द्रव्य, प्लाज्मा, और अन्य संरचना पायी जाती है इसलिए रक्त को एक उत्तक कहा जाता है
note –इंसान मे रक्त 5-6 लीटर होता है और जब कोई व्यक्ति रक्त दान करता है तब उससे एक बार मे सिर्फ 300 ML ही रक्त निकाला जाता हैं अगले 3 महीने बाद फिर वह इंसान रक्त दान कर सकता है
रक्त प्लाज्मा क्या है
यह पिले रंग का होता है जो इंसान से BLOOD निकलाकर हम किसी GLASS JAR मे रखे तो कुछ समय बाद BLOOD निचे बैठ जाता है और PLASMA ऊपर रह जाता हैं,blood मे आधे से अधिक plasma पाया जाता है जो की 55% होता है कुल रक्त संघटन का इसके अतिरिक्त PLASMA मे 90-92% पानी होता हैं और 6-8% प्रोटीन होता है, इस प्रोटीन मे ALBUMIN, GLOBULIN फयब्रीनोजेन जैसे पदार्थ होते हैं
ROLE OF PROTEIN IN BLOOD
- फयब्रीनोजेन- यह BLOOD मे कटने, चोट लगने पर थक्का बनाकर BLOOD प्रवाह बंद करती हैं
- GLOBULIN- यह शरीर की प्रतिरक्छा तंत्र को मजबूत करने मे अहम भूमिका निभाती है
- ALBUMIN- का काम HUMAN BODY मे परासारण संतुलन को बनाये रखती हैं , HUMAN BLOOD मे अनेक खनिज (MINERALS )पाये जाते हैं इनके नाम NA, Ca, Mg, HCO3,CL इत्यादि पायी जाती है,
- शरीर मे जब INFECTION होता है तब PLASMA मे अधिक मात्रा मे GLUCOSE, URIYA और हार्मोन पाया जाता है पाया जाता है
सिरम क्या है
जब BLOOD को HUMAN BODY से निकाला जाता हैं और जब तक वह द्रव्य अवस्था में होता है , जब वह जमा हुआ न हो ऐसी अवस्था SERUM कहलाता है
रक्त के प्रकार (HOW MANY TYPES OF BLOOD)
रक्त के संगठन को संगठित पदार्थ कहा जाता है
इसमें RBC, WBC, PLATELETS आते हैँ ये सभी रक्त संघटन का 45% होता है
लाल रक्त कण –RBC
इसे Erythrocytes भी कहाँ जाता है यह BLOOD मे अधिक मात्रा मे पाया जाता है.
5.5 मिलियन प्रति घन मीटर रक्त एक स्वस्थ्य HUMAN BODY मे पाया जाता है, व्यस्क अवस्था मे RBC शरीर के BONE MARROW मे बनती है, एक स्वस्थ्य HUMAN BODY मे 12-16 GM हीमोग्लोबिन पाया जाता है
रक्त की संरचना (STRUCTURE OF RBC )
– इसका आकार उभयावतल होता है और केंद्रक की अनुपस्थिति होती है , इनमें पाये जाने वाले लौह युक्त प्रोटीन हीमोग्लोबिन के कारण होता है इसके वजह से RBC का रंग लाला होता है, हीमोग्लोबिन BODY मे ऑक्सीजन प्रवाह हेतु जिम्मेदार होता है, RBC की जीवनकाल 120 दिन तथा मृत्यु प्लीहा मे होता है
सफ़ेद रक्त कण –WBC
को leukocyte भी कहा जाता है, इसका सफेद रंग हीमोग्लोबिन की अनुपस्थिती के कारण होती है, केंद्रक युक्त leukocyte की संख्या 6000-8000 प्रति घन mm होता है इनका जीवन काल बहुत छोटा होता है
leukocyte- के प्रकार
इसमें Granulocytes और Agranulocytes पाए जाते है
- Granulocytes मे neutrophil, eosinophils, और basophils , पाया जाता है
- Agranulocytes मे lymphocytes और monocyte पाया जाता है
- Wbc मे neutrophil सबसे अधिक मात्रा मे पाया जाता है और basophils कम मात्रा मे पाया जाता है, इन दोनों को भक्छन कोशिका कहा जाता है क्योंकि ये हानिकारक जीवाणु और विशाणु को खत्म करता है
- eosinophils एलर्जी प्रतिक्रिया मे सम्मिलित होता है इंसानो मे किसी चीज के लिए अचानक से प्रतिक्रिया eosinophils की वज़ह से आती है
- basophil से हिपारिन, सिरोतीन और हिसटामिन का Secretion होता है
- lymphocytes से B और T लिम्पहोसाइट पाया जाता है,लिम्पहोकीतेस आकार मे सबसे बड़ा और monocyte सबसे छोटा WBC होता है
PLATELETS
इसको हिन्दी मे पट्टीकाणु कहा जाता है ,इसका एक और नाम THROMBOCYTE भी है यह BONE MARROW के विशेष कोशिकाओं मे के टुकड़े होने से बनते हैँ,THROMBOCYTE की कमी से रक्त शरीर से निकल जाता हैँ जिसका मुख्य वजह रक्त का थक्का ना जमना है , इसका जीवन काल 8-10 दिन का होता है
PROPERTIES OF BLOOD –
रक्त इंसान के सरीर में बहुत बड़ा भूमिका निभाता है इसके मुख्य काम है
- ब्लड असुद्ध रक्त को फेफड़ा तक लेके जाता है जहां उसे ऑक्सीजेन मिला रक्त प्राप्त होता है फिर वह उस रक्त को पुरे बॉडी में फैलाता है
- रक्त में बहुत सरे हार्मोन्स का स्त्रवण होता है जो ह्यूमन बॉडी को मैनेज करता है
- ब्लड के द्वारा बॉडी में पानी के लेवल को सामान्य रखा जाता है
- इसमें monocytes और lymphocytes पाए जाते है जो शरीर के लिए हानिकारक जीवाणु और विषाणु को भक्चण करते है
- ब्लड में पाए जाने वाले पदार्थो की वजह से जख्म खुद से काफी हद तक ठीक हो जाता है
रक्त समूह क्या है (WHAT IS BLOOD GROUP)
इंसानों मे मुख्यतः 4 प्रकार के BLOOD ग्रुप पाये जाते हैं, और इसका निर्धारण ANTIGEN और ANTIBODY करते है, RBC मे दो ANTIGEN A और B तथा PLASMA मे दो ANTIBODY A और B पाये जाते है इनके उपस्थिति के आधार पर rakt samuh निश्चित किया जा सकता है
रक्त समूह के प्रकार (TYPES OF BLOOD GROUP )
रक्त समूह को समझने के लिए ANTIGEN और ANTIBODY ध्यान मे रखना होता है
- BLOOD GROUP A – इसमें RBC मे ANTIGEN A मौजूद होगा और PLASMA मे ANTIBODY B मौजूद होगा
- BLOOD GROUP B – इसमें RBC मे ANTIGEN B और PLASMA मे ANTIBODY A होगा
- BLOOD GROUP AB – इसमें RBC मे ANTIGEN AB और PLASMA मे ANTIBODY अनुपस्थित होगा
- BLOOD GROUP O – इसमें RBC मे ANTIGEN अनुपस्थित और PLASMA मे ANTIBODY AB होगा
रक्त परिसंचरण तंत्र के प्रकार ( BLOOD CIRCULATION PATH)
रक्त परिसंचरण जीवो में दो प्रकार के पाए जाते है
OPEN CIRCULATION -खुला परिसंचरण तंत्र –
आर्थोपोडा और मोलस्क में यह CIRCULATION पाया जाता है इसमें ब्लड हार्ट से वाहिकाओं से आकर खाली स्टोर रूम जैसे कोटरो में खुलता है कोटरो को देह गुहा भी कहा जाता है , देह गुहा में रक्त उसी प्रकार प्रवाह होता है जैसे दीपक के रुई में से तेल ऊपर चढ़ता है । टिड्डा और कॉकरोच इसके उदाहरण है
CLOSED CIRCULATION – बंद प्रकार की परिसंचरण तंत्र –
इस प्रकार का परिसंचरण कशेरुकी और ANNELIDA में पाया जाता है ,इसमें रक्त वाहिनिओ की सहायता से ब्लड को एक जगह से दूसरे जगह तक भेजा जाता है इस प्रकार का रक्त प्रवाह ज्यादा अच्छा होता है क्योकि आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है
WHAT IS RH FACTOR –
RH फैक्टर की खोज रीसस नामक बंदर मे पहली बार किया गया था यही RH FACTOR इंसानों मे भी पाया जाता है, जिसमे यह मौजूद होता है वह RH POSITIVE और जिसमे नही पाया जाता वह RH NEGATIVE होता है.
80 % मनुष्यों मे RH पाया जाता है
HOW RH FACTOR EFFECT IN HUMAN BODY-
दोस्तों इंसान मे यह दो तरीके से प्रभाव डालता है
- जब किसी RH NEGATIVE मे RH POSITIVE का BLOOD चढ़ाया जाता है तब उस व्यक्ति मे RH POSITIVE के ANTIBODY बनने लगती है जिससे बहुत SERIOUS HEALTH EFFECT इंसानी BODY मे पड़ता है जिससे BLOOD CELLS नस्ट होने लगते हैं इससे बचने के लिए BLOOD DONNER का BLOOD और लेने वाले का RH का मिलान किया जाता है
- जब कोई FEMALE गर्भवती हुई हो और वह RH NEGATIVE हो और उसके HUSBAND RH POSITIVE हो तब गर्भ मे जो बच्चा होगा वह भी RH POSITIVE होगा इस अवस्था मे डर रहता है की CHILD और MOTHER का BLOOD आपस मे मिल ना जाये, DELIVERY के बाद महिला को RH प्रतिरक्छि का INJECTION लगाया जाता है जिससे वह सुरछित होती है
लसिका क्या है –
दोस्तों हमारे शरीर मे बहुत सारे FLUID पाये जाते हैं जिनका विसिस्ट महत्व होता है ये हमारे शरीर मे वाहिकाओं के माध्यम से प्रवाहित करते है इन्हे लसिका तंत्र और लसिका कहा जाता है जो एक प्रकार का उत्तक द्रव्य है
इसमें भी plasma के सामान minerals और पोसक पदार्थो और गैस की उपस्थिति होती है जिसका आदान प्रदान कोशिकाओं के बीच होती है लसिका hormones प्रवाह के लिए बहुत आवश्यक है
हमारे HUMAN BODY मे बहुत सारे NODES होते हैं जो ये लसीका तंत्र का हिस्सा होते हैं रक्त मे पाया जाने वाले lymphocytes इन्ही nodes मे पाये जाते हैं जिसका काम बैक्टीरिया और वायरस का खात्मा करना है
WHAT IS BLOOD PRESSURE –
इंसानी सरीर में रक्त एक दाब की वजह से प्रवाहित होती है यह दाब HEART द्वारा बनाया जाता है ह्यूमन बॉडी में रक्त का प्रेशर को सिस्टोलिक और डाइस्टोलिक में मापा जाता है
स्वस्थ्य इंसान में सिस्टोलिक 120 और डाइस्टोलिक 80 लिया जाता है जिस इंसान में यह आकड़ा सही नहीं होता तो यह मन जाता है की उसके बॉडी में कुछ प्रॉब्लम है ,
ब्लड प्रेशर को किससे मापा जाता है –
ब्लड प्रेशर को सिस्मोग्राफ से मापा जाता है
CONCLUSION –
दोस्तों आज अपने रक्त और रक्त के प्रकार के बारे में जाना और ये भी जाना की रक्त के संघठन मुख्य पदार्थ क्या क्या होते है
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