ईकोटोन क्या है
-जब किसी क्षेत्र में कोई ऐसा जीव जंतु या पौधा पाया जाता है जिसकी वजह से उस क्षेत्र के सभी जीव जंतु उस खास जगह पर आकर्षित होकर आते हैं तो और तब वह इकोटोन कहलाती है, और यह परिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा होता है
कोई खास प्रकार की प्रजाति जिसकी वजह से उसके द्वारा अनेक प्रकार के जीव जंतु को को अपनी ओर आकर्षित करने के कारण, वह खास स्थान जैव विविधता का समृद्ध इलाका हो जाता है या जीव जंतुओं की जनसंख्या बहुत बढ़ जाती है, तब वह स्थान ईकोटोन कहलाता है और वह प्रजाति प्रजाति को ईकोटोन प्रजाति कहा जाता है
ईकोटोन शब्द कि अगर विवेचना करें तब इसका एहसास होगा कि जैव विविधता में जातिगत और जनसंख्या में विविधता और रिचेस्ट बढ़ाने वाला वाला शब्द है
इकोटोन कैसे बनता है
वेस्टर्न घाट पर एक पेड़ पाया जाता है जिसका नाम डूरियन है जिसमें मीठे फल पाए जाते हैं इन फलों को खाने के लिए अनेक प्रकार के पक्षी और शाकाहारी जीव जंतु आते हैं
इनकी वजह से वह जो पेड़ होता है उस स्थान पर जानवरो का चहल-पहल बढ़ बढ़ जाता है आने वाले जीव जंतुओं में बंदर, लंगूर, हिरण जंगली सूअर, जंगली गाय इत्यादि अनेक प्रकार की शाकाहारी जंतु आते है उस फल का मीठे स्वाद के आनंद लेने के लिए उस स्थान पर
किंतु ऐसे जीव जंतुओं के अलावा अनेक प्रकार के पक्षी भी आते हैं जैसे कि मोर ,तोते और भी दूसरी पक्षि और यह जो डूरियन वृक्ष अपने प्रभाव के कारण ईकोटोन प्रजाति कहा जाएगा क्योंकि इसके कारण उन शाकाहारी जीव जंतु से आकर्षित होकर और भी कई प्रकार के अन्य शाकाहारी और मांसाहारी जीव जंतु वहां पर आ जाते हैं जिसकी वजह से एक छोटी सी खास इलाके में अधिक मात्रा में जीव जंतु पाए जाते हैं
जोकि जैव विविधता का एक उदाहरण है इसके अलावा आपने मूंगा चट्टान के बारे में सुना होगा यह मूंगा चट्टान भी अपने आप में इकोटोन क्षेत्र होते हैं
जहां पर समुद्र में मूंगा चट्टाने पाई जाती है वहां पर अधिक मात्रा में समुद्री वनस्पति और समुद्री जीव जंतु पाए जाते हैं एक तरफ से मूंगा चट्टा समुद्री जैव विविधता को बढ़ाते हैं क्योंकि इसी प्रकार का प्रभाव डूरियन वृक्ष भी डालता है जैसे कि मूंगा चट्टान अपने इकोनामिक क्षेत्र में डालता है
ईकोटोन प्रजाति क्या है
ईकोटोन छेत्र में कोई ऐसी प्रजाति जिसकी वजह से उस छेत्र में दूसरे जीव जंतु आकर्षित होते हैँ जिसकी वजह से जैव विविधता में वृद्धि होती है, ईकोटोन प्रजाति कहलाती है इसे अम्ब्रेला प्रजाति भी कहते हैं क्योंकि इसी के under में जैव विविधता फलती फूलती है
डुरियन पेड़ और समुद्र में पाये जाने वाले मूंगा चट्टान,ईकोटोन प्रजाति के उदाहरण है
ईकोटोन प्रजाति का महत्व
ईकोटोन प्रजाति इकोसिस्टम पर बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है इसकी वजह से जीव जंतुओं में आपसी एक्टिविटी बढ़ती है
- पारिस्थितिक क्षेत्र में प्राथमिक उत्पादकता बढ़ाता है
- जीव जंतुओं को भोजन और आवास प्रदान करता है
- जय विविधता को बढ़ाता है
ईकोटोन क्षेत्र क्या है
जब किसी स्थान पर ईकोटोन प्रजातियों की संख्या थोड़ी ज्यादा बढ़ जाती है तब वह खास क्षेत्र की ईकोटोन क्षेत्र कहा जाता है क्योंकि उसकी वजह से ईकोटोन छेत्र थोड़ा बढ़ जाता है और जीव जंतुओं में पारस्परिक क्रिया को बढ़ाता है, जिससे कि उनकी आवास और भोजन की मांग दूर होती है
Conclusion – ईकोटोन क्या है
यह सभी कारक पारिस्थितिक तंत्र के घटक है जिससे पारिस्थितिक तंत्र में उत्पादकता और आवास की कमी दूर होती है, इसकी वजह से जैव विविधता प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती है
जहां पर ईकोटोन प्रजाति पाया जाएगी वहां पर जैव विविधता भी बढ़ने की चांस होगी इसके अलावा वह इलाका प्राकृतिक रूप से बहुत धनवान इलाका होगा, जिसकी वजह से वह पूरा क्षेत्र प्रकृति पर अपना विशिष्ट छाप छोड़ेगा और अपनी अलग पहचान बनाएगा
इस प्रकार का इको तंत्र का उदाहरण है वेस्टर्न घाट में उपस्थित डूरियन नामक वृक्ष, इसके अलावा समुद्र में पाए जाने वाले मूंगा चट्टान भी इकोटेन क्षेत्र का अच्छा उदाहरण है
” ईकोटोन ” के बारे आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कृपया comment box में जरूर क्वेश्चन पूछे हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा,
पुनः अवश्य पधारे
और भी पढ़े >