डेटा सेंटर क्या है
डेटासेंटर्स वह जगह होते हैं जहां पर किसी आर्गेनाईजेशन, इंस्टिट्यूट ,कंपनी या किसी यूज़र के सभी प्रकार के डाटा स्टोरेज होते हैं वह डाटा सेंटर कहलाता है डाटा में फाइल , टेक्स्ट ,ऑडियो, वीडियो ,इमेज, सॉफ्टवेयर ,कोड और भी बहुत सारी data आदि शामिल हो सकता है
डाटा सेंटर की परिभाषा
ऐसी डिजिटल भंडारण युक्त स्थान जहां पर किसी संस्था या यूजर द्वारा उपयोग गए किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल आधार पर प्रोसीड किए गए डाटा का भंडारण होता है डाटा सेंटर्स कहलाता है
डाटा सेंटर्स कैसे काम करते हैं
आमतौर पर डाटा सेंटर स्टोरेज टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं किंतु इसमें आपको होस्टिंग जैसे टेक्निक का आभास हो रहा होगा लेकिन वेब होस्टिंग और डाटा स्टोरेज में अंतर है
जहां पर होस्टिंग द्वारा किसी वेबसाइट के डाटा को सेव किया जाता है और सरवर द्वारा उस डाटा को यूजर तक पहुंचाया जाता है वही डाटा सेंटर्स द्वारा वेबसाइट वीडियो शेयरिंग वेबसाइट, इमेज शेयरिंग वेबसाइट से प्राप्त कई प्रकार के डाटा ओं का स्टोरेज डाटा सेंटर में किया जाता है
इसके लिए डाटा सेंटर ऐसे स्थानों में बनाया जाता है जो रिहायशी इलाका से दूर क्योंकि ऐसे स्थानों पर डाटा स्टोरेज के लिए बहुत ज्यादा स्टोरेज कैपेसिटी वाली भंडारन नियुक्तियों का उपयोग किया जाता है
जिसके कारण ऐसे स्थानों पर 24 घंटे घंटे बिजली की जरूरत होती है और डाटा स्टोर करने के लिए 24 घंटे मशीनें चलती रहती है और यह आमतौर पर सभी स्टोरेज डिवाइस कंप्यूटर से कनेक्ट होते हैं इंटरनेट द्वारा
इसके लिए ऐसा स्थान चुना जाता है जोकि ठंडे स्थानों पर हो या अगल-बगल पेड़ पौधे हो जिससे कि वहां का माहौल को ठंडा रखा जा सके,
ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि मशीनें जब 24 घंटे चलती है तब उस एरिया का टेंपरेचर ऑटोमेटिक बढ़ जाता है जिसकी वजह से मशीनों की कार्य क्षमता में अंतर पड़ने लगती है
और डाटा बहुत स्लो गति से यूज़र तक पहुंच पाती है इसी कमी को दूर करने के लिए डाटा स्टोरेज को अधिक आजकल आजकल ऐसे स्थानों पर बनाया जाता है जो ठंडे हो मतलब जहां पर साल भर में कम से कम 6 महीना ठंडी लगे जिससे कि डाटा प्रोसीड करने और डाटा चालू करने के लिए अच्छी स्पीड प्राप्त की जा सके
इसके अलावा इन मशीनों को ठंडा करने के लिए भी अधिक मात्रा में AIR CONDICENER की जरूरत पड़ती है, इन AIR CONDICENER को चलाने के लिए बहुत ज्यादा बिजली खपत होती है इसलिए ऐसा किया जाता है
डाटा सेंटर कहा बनाया जाता है
डाटा सेंटर को जब स्टेबल किया जाता है तो इन्हें बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों के अंदर बनाया जाता है जहां पर बहुत सारे स्टोरेज डिवाइस जैसे एसएसडी का उपयोग किया जाता है इन को चलाने के लिए कई कंप्यूटर्स होते हैं जो इंटरनेट से जुड़े होते हैं
और इन स्टोरेज डिवाइस को मैनेज करने के लिए हाई कंप्यूटिंग क्षमता युक्त कंप्यूटर के उपयोग में लाए जाते हैं जिनकी वर्किंग और मैनेजमेंट क्षमता बहुत अधिक होती है इसके अलावा इसमें अनेक डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किया जाता है
मतलब डाटा सेंटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का कंबाइन रूप है डाटा सेंटर जहां पर दुनिया से प्राप्त डाटाओं का संग्रहण किया जाता है जब यूजर द्वारा किसी टाटा को प्राप्ति के लिए रिक्वेस्ट भेजा जाता है तो यही डाटा,इंटरनेट के द्वारा सर्वर के माध्यम से लोगों तक पहुंचा दिया जाता है
डेटासेंटर्स का उपयोग कौन करता है
डाटा सेंटर्स का उपयोग अधिकांश वे कंपनी करती है जो सर्च इंजन लोगों को प्रोवाइड करवाती है आमतौर पर आप सभी इन कंपनियों को जानते होंगे जिनका उपयोग आप अपने ब्राउज़र में इनफार्मेशन खोजने के उपयोग में करते हैं
जैसे कि गूगल सर्च, याहू सर्च,माइक्रोसॉफ्ट बिंग इसके अलावा एप्पल का सफारी सर्च इंजन यह सभी कंपनियां दुनिया भर में स्थित सभी तरह की जानकारियां अपने पास रखती हैं जो पब्लिक मे उपलब्ध होता है
और इसी के आधार पर ही वह डाटा सर्च कर किसी यूजर को डाटा उपलब्ध करवाती है
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