क्रायोजेनिक इंजन क्या है-अंतरिक्ष एक ऐसा जगह होता है जहां पर हर कोई जाना चाहता है और उसके बारे में जानकारी भी प्राप्त करना चाहता है जब से इंसान अंतरिक्ष के बारे में जान पाया है तब से वहां जाने के लिए उसने रॉकेट का अविष्कार किया है
इसी रॉकेट में क्रायोजेनिक इंजन लगा होता है अब आप लोग को लग रहा होगा कि यह क्रायोजेनिक इंजन क्या होता है तब मैं आपको बता देना चाहता हूं कि क्रायोजेनिक इंजन को हिंदी में निम्न तापी इंजन कहा जाता है जिसमें क्रायोजेनिक ईंधन ( क्रायोजेनिक ईंधन क्या है ) का उपयोग किया जाता है
आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें जिससे आपको इसके बारे में पता चलेगा कि क्रायोजेनिक इंजन क्या है और क्रायोजेनिक इंजन कैसे काम करता है
क्रायोजेनिक इंजन क्या है
राकेट प्रौद्योगिकी में जब क्रायोजेनिक इंधन को जलाने के लिए जिस इंजन की जरूरत होती है उसे क्रायोजेनिक इंजन कहा जाता है ,हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अति निम्न ताप पर स्टोर करकर जब उपयोग किया जाता है तब इसके द्वारा बहुत थ्रस्ट पैदा करता है जो रॉकेट को बहुत दूर और पेलोड के साथ जाने की काबिलियत देती है
पहला क्रायोजेनिक इंजन किसने बनाया था
पहला क्रायोजेनिक इंजन अमेरिका द्वारा बनाया गया था इसके बाद क्रायोजेनिक इंजन बनाने की होड़ सी लग गई और दूसरे देश इस दिशा में कोशिश भी कर रहे हैं इसी कड़ी में अमेरिका के बाद स्पेन ब्रिटेन और यूरोप के अनेक देशों ने सफलता प्राप्त की
क्रायोजेनिक इंजन बनाने में भारत ने भी महारत हासिल कर ली है और पिछले कुछ सालों में भारत के बहुत सारे अंतरिक्ष प्रोजेक्ट लांच होने वाले हैं
क्रायोजेनिक इंजन का क्या लाभ है
आज के वर्तमान वक्त में जब हर किसी को अंतरिक्ष में जाने की चाहत बड़ी है इससे अंतरिक्ष उद्योग में बहुत कंपटीशन बढ़ गई है और जब रॉकेट को बहुत लंबी दूरी की यात्रा और पे लोड ढोने की जरूरत पड़ती है तब वहां पर क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग किया जाता है
क्रायोजेनिक इंजन की विशेषताएं क्या है
- क्रायोजेनिक इंजन अत्यधिक मात्रा में थ्रूस्ट पैदा करते हैं जिससे कि बहुत अधिक वजन की पेलोड ले जाया जा सकता है
- क्रायोजेनिक इंजन मैं वह क्षमता होती है कि वह राकेट बहुत लंबी दूरी तक ले जा सके
- क्रायोजेनिक इंजन में उपयोग होने वाला क्रायोजेनिक इंजन अंतरिक्ष में भी लगातार जलती रहती है
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