नीम कोटेड यूरिया क्या है -वर्तमान की कृषि पद्धति में बहुत सारे उर्वरक उपयोग में लाया जाते हैं जिनका उद्देश्य अधिक उत्पादन के साथ लाभ कमाना है इसी कड़ी में आजकल नीम कोटेड यूरिया का उपयोग किया जा रहा है जिसमें यूरिया के ऊपर नीम के तेल का पतली परत चढ़ाया जाता है जिसको नीम कोटेड यूरिया कहा जाता है नीम पर यूरिया पर नीम का कोट करने से एक फायदा यह हैं की यह धीरे धीरे पानी मे घुलता हैं जिससे पानी को nitrogen की पूरी मात्रा मिल जाती है
नीम कोटेड यूरिया क्या है
जब कृषकों द्वारा अपने कृषि में अधिक उत्पादन और लाभ की अपेक्षा के साथ यूरिया का उपयोग किया जाता है तब होता यह है कि यूरिया का उचित इस्तेमाल खेत पर नहीं हो पाता
इसका कारण यह है कि यूरिया को नम भूमि पर डालने पर वह बहुत जल्दी ही नमी और पानी के साथ घुल जाती है जिसकी वजह से यह मिट्टी के अंदर जाकर एक परत में जम जाती है जिसको पेड़ पौधों उपयोग नहीं कर सकते
इसी समस्या का निराकरण हेतु यूरिया के ऊपर नीम की तेल का एक परत चढ़ाई गई जिसे नीम कोटेड यूरिया कहा गया है, इसकी विशेषता यह है कि यह नमी और पानी में बहुत धीरे-धीरे घुलता है जिससे कि इसकी उचित मात्रा पेड़ पौधों को प्राप्त होती है और भूमि के अंदर परत का निर्माण नहीं करती है जिसके कारण यूरिया की अतिरिक्त पेड़ पौधों को अन्य खनिज भी जमीन के अंदर से अवशोषित करने में कोई कमी नहीं होती है
जब नीम कोटेड यूरिया का उपयोग नहीं किया जाता था तब यह बहुत शीघ्रता से नमी और पानी में घोलकर जमीन के अंदर चली जाती थी जिससे कि यूरिया की उचित मात्रा पेड़ पौधों को प्राप्त नहीं होती थी इसी कारण ही आजकल नीम कोटेड यूरिया का उपयोग बहुत ज्यादा होने लगा है और सभी कृषक बंधु को नीम लेपित यूरिया का उपयोग करना भी चाहिए
नीम लेपित यूरिया के फायदे
- यूरिया में नीम का लेप लगाने पर लंबे वक्त पर तक इसका भंडारण संभव है
- पेड़ पौधों के द्वारा यूरिया की पूरी मात्रा अवशोषित कर ली जाती है
- यूरिया का नम भूमि पर डालने पर नुकसान नहीं होता
- भूमि के अंदर एक परत का निर्माण नहीं होता जिसकी वजह से पेड़ पौधों को भूमि के अंदर से खनिज पदार्थ खींचने में समस्या नहीं होती
नीम लेपित यूरिया का उपयोग कैसे करना चाहिए
- नीम लेपित यूरिया का उपयोग करते समय ध्यान रखना चाहिए कि भूमि ज्यादा नम ना हो
- एक बार नीम लेपित यूरिया डालने पर दूसरी बार डालते वक्त एक लम्बा गैप होना चाहिए
- नीम लेपित यूरिया को अधिक मात्रा में फसलों में नहीं डालना चाहिए क्योंकि इसकी 90 से 95% मात्रा फसलों को पूरी प्राप्त होती है
- नीम लेपित यूरिया डालने के बाद खेत में पानी नहीं डालना चाहिए जिससे कि वह लंबे वक्त तक फसलों को नाइट्रोजन दे सके
नीम कोटेड यूरिया की 7 खास बातें
1. कृषि लागत मे कमी आती है
2. कृसक का उत्पादन अधिक होता है जिससे उन्हें लाभ होता है
3. यूरिया का व्यर्थ होना कम हुआ जिससे 5 से 10 प्रतिशत तक यूरिया की बचत होगा
4. इससे विश्व बाजार से यूरिया की मांग कम हुआ और यूरिया का आयात कम होगा
5. नाइट्रोजन का धीरे धीरे मिट्टी मे मिलने के कारण फसलों को सीधा लाभ होता है
6. कृसको का पैसा बचेगा
7. नीम लेपित यूरिया का उचित उपयोग से पर्यावरण मे गलत प्रभाव नही पड़ेगा
conclusion- नीम कोटेड यूरिया क्या है
नीम कोटेड यूरिया एक उर्वरक है जो नीम का उपयोग करके बनाया जाता है। यह उर्वरक नीम के औषधीय गुणों का उपयोग करते हुए फसलों की उत्पादकता बढ़ाता है और उन्हें बीमारियों से बचाता है। नीम कोटेड यूरिया एक दोहरे-एजेंट उत्पाद है, जो एक तरफ फसलों की वृद्धि को बढ़ाता है, वहीं दूसरी तरफ जीवाणु वृद्धि को भी रोकता है
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