प्राकृतिक आधार पर भारत में वनो के प्रकार | भारत में वनो की प्राकृतिक स्थिति

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प्राकृतिक आधार पर भारत में वनो के प्रकार

प्राकृतिक वनस्पति के आधार पर भारत में वेलांचली व अनूप वन, पर्वतीय वन,उष्ण कटिबंधीय कांटेदार वन,उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन उष्ण कटिबंधीय सदाबहार एवंअर्धसदाबहार वन.वनो के प्रकार हैं.भारत मे पाए जाने वाले वन पूर्णतः भौगोलिक आधार पर विभिन्नता प्रदर्शित करते हैं

भारत के वन

उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन – भारत के वेस्टर्न घाट में इस प्रकार की सदाबहार वनस्पति पायी जाती है , जहा अधिक मात्रा में वर्षा होती है

ऐसे वन भारत के वैस्टर्न घाट में बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जिसकी वजह से इन सदाबहार वन में जैव विविधता भी अधिक पायी जाती है, भारत में सदाबहार वन में plants विविधता भी अधिक दिखाई देती है

उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन – मानसून आधारित वन होते हैं जो फरवरी – मार्च में अपने पत्ते गिरा देते हैं , भारत के अधिकांश वन इसी प्रकार के होते है, भारत में मानसून 25 जून के बाद प्रवेश करती है और लौटते वक्त भी अक्टूबर या नवम्बर में हल्की बारिश कर वापिस जाती है

उष्णकटिबंधीय काटेंदार वन – ये ऐसे स्थान में गिरते हैं जहाँ पानी 50 cm से कम गिरता हैं इसमें भारत के रेगिस्तान और भारत के मध्य  में स्थित राज्य आते हैं

ऐसे स्थानों पर पाए जाने वाले वनो को meshophyte plants कहा जाता हैं, इन plants के विशेस्ता होती हैं की ये कम पानी वाली स्थानों में भी survive कर पाते हैं

पर्वतीय वन – भारत जैसे बहु विविध देश में भौगोलिक विविधता के कारण अनेक पर्वतो में वनो की विविधता पायी जती है नीचे से अधिक ऊचाई पर पाये जाने पर वनो की पारीस्थितिक अंतर दिखाई देने लगते हैं

इस आधार पर भारत के वनो को दो भागो में बाटा जा सकता है उत्तर पर्वतीय वन और दक्छिण पर्वतीय वन

अनूप या वेलाचली वन – समुद्री तटिय दलदली वन या झीलों में पाये जाने वाले वन  अनूप या वेलाचली कहलाते हैं, ऐसे स्थान भारत में समुद्री तटिया राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, आंध्रा प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और गुजरात के तटिय छेत्रो में वेलाचलिय वन की भरमार है

हिमालय के गिरिपद में प्रणपाती वन मिलते हैं किन्तु 1000 से 2000 मीटर ऊचाई तक आद्र शितोषण प्रणपाती वन मिलते हैं

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वन किसे कहते है

प्राकृतिक दृष्टिकोण और जियोग्राफी के आधार पर वन एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर बहुत सारे प्रजातियों की वनस्पतियां पाई जाती है जो एक बहुत बड़े क्षेत्रफल में फैली होती है

हम सभी जानते हैं कि वन क्या है लेकिन वन को अभी तक किसी ने विस्तृत रूप से परिभाषित नहीं की है, हमें नहीं पता है कि कितने बड़े क्षेत्रफल को वन क्षेत्र घोषित करना चाहिए,वास्तव में वन को लेकर सभी वैज्ञानिकों का अलग-अलग मत है किंतु एक उपयोग और सहायता की दृष्टिकोण से हम इसे निम्न प्रकार परिभाषित कर सकते हैं

वन की परिभाषा

वन एक ऐसा परितंत्र होता है जो की वृक्ष और कास्ट वनस्पतियों के द्वारा ढका होता है जो की एक बहुत बड़े क्षेत्रफल में फैले होते हैं

यूनाइटेड नेशन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा वन को ऐसे परिभाषित किया गया है

“  जो .5 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ हो और जहां पर वृक्षों की ऊंचाई 5 मीटर से अधिक हो और 10% से अधिक का एक वन वितान मौजूद हो और इसके अतिरिक्त  ऐसे भूमि में कृषि और शहरी भूमि उपयोग में नहीं लाई जाती है वन कहलाता है “

 भारत में वनो के विविधता के कारण

भारत में भौगोलिक विविधता है इसके वजह से आमतौर पर जहां पर पानी कम गिरती है वहां पर जीरो फाइट वन पाई जाती है और जहां पर पानी ज्यादा गिरती है वहां पर सदाबहार वन या अर्धसदाबहार वन पाए जाते हैं और जहां पर बर्फ ज्यादा गिरती है या बर्फ जमी होती है वहां पर शंकु धारी या टैगा वन पाए जाते हैं

इसके अतिरिक्त भारत का जो मध्य स्थान है जैसे मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ उड़ीसा तेलंगाना महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश उड़ीसा जैसे क्षेत्र पठार क्षेत्र में बसा हुआ है, इसकी वजह से यह स्थान दूसरे भौगोलिक संरचनाओं की तुलना में ऊंचे स्थान पर बसे हुए हैं

इसकी अतिरिक्त इन स्थानों पर पानी मध्यम रेंज में गिरती है इस वजह से ऐसी जगह पर  meshophyte  पेड़ पौधे पाए जाते हैं,इसके अतिरिक्त  भारत में मासिनराम और चेरापूंजी जैसे ऐसे स्थान है जहां पर विश्व की सर्वाधिक बारिश होती है

यह तो हुई भारत की भौगोलिक आधार पर पाए जाने वाली वनों की प्रजातियों के बारे में,अब प्रायद्वीप भारत की अगर बात करें तब भारत तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है, इसकी वजह से समुद्री तट,समुद्री किनारे और दलदलीय क्षेत्र  होते हैं

ऐसे क्षेत्रों पर हेलो फाइट पेड़ पौधे पाए जाते हैं हेलो फाइट पेड़ पौधे में मुख्य प्रजाति सुंदरी वृक्ष है, इस प्रकार देखा जाए तो भारत के महाराष्ट्र से लेकर तमिलनाडु तक और तमिलनाडु से लेकर पश्चिम बंगाल तक समुद्री तट रेखा फैली हुई है और ऐसी पूरी जगह पर mangrove फॉरेस्ट पाया जाता है जिसकी वजह से वहां पर अलग ही प्रकार का इकोसिस्टम और जैव विविधता पाई जाती है

प्राकृतिक आधार पर भारत में वन के प्रकार

भारत में उष्णकटिबंधीय वन

भारत में उष्णकटिबंधीय वन वहां पाए जाते हैं, जिसकी आसपास भूमध्य रेखा गुजरती है और उनकी उपस्थिति भूमध्य रेखा के अलावा कर्क रेखा और मकर रेखा की बीच की स्थिति होती है

उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन,

  • उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन ऐसे वन होते हैं जो की भूमध्य रेखा के आसपास पाए जाते हैं ऐसे वनों में साल भर उच्च तापमान होती है जिसकी वजह से साल भर बारिश आती है और आद्रता बढ़ती है जिसकी वजह से सदाबहार वन की उपस्थिति पाई जाती है और ऐसे जंगलों में जैव विविधता भी अधिक होता है
  • ऐसी स्थान पर औसत वार्षिक वर्षा 200 मीटर से अधिक होती है
  • अधिक पानी गिरने की वजह से मिट्टी की निरीक्षण होती है जिसकी वजह से पोषक तत्व मिट्टी के नीचे चले जाते हैं
  • ऐसे जंगलों पर महोगनी आबनूस रोजन वुड और झाड़ी प्रकार की वनस्पति पाई जाती है

उष्णकटिबंधीय पर्णपाति वन या मानसूनी वन,

  • ऐसी वन ऐसी जगह पर पाए जाते हैं जहां पर औसत वार्षिक वर्षा 200 मीटर से कम होती है ऐसे वन मानसून पर आधारित होते हैं
  • ऐसे जंगलों पर पर्णपाति वन पाए जाते हैं जिनके पत्ते जनवरी से मार्च के बीच गिरते हैं
  • ऐसी वनों पर साल  सागौन शीशम और बांस जैसे वनस्पति मिलते हैं

शीतोष्ण  कटिबंधीय या मध्य अक्षांशीय वन,

  • ऐसी वन भूमध्य सागर के आसपास पाई जाती है
  • यह वन भी पर्णपाति प्रकार के होते हैं

मध्य अक्षांशीय सदाबहार वन,

  • सबट्रॉपिकल प्रदेशों में पाए जाने वाली वर्षा वन को इसके अंतर्गत रखा गया है
  • इसमें पाए जाने वाले पेड़ पौधों में पत्तियां चौड़ी होती है जैसे की लॉरेल मैगनोलिया ,यूकेलिप्टस आदि

मध्य अक्षांशीय पर्णपाति वन,

ऐसी वनों में पाए जाने वाले वनस्पति ठंड में अपनी पत्तियां गिरा देती है

भूमध्य सागरीय वन

  • इस प्रकार के वन वन भूमध्य सागर के आसपास पाया जाने वाले महाद्वीपों की पश्चिमी भाग पर पाए जाते हैं
  • यहां के प्रमुख वृक्ष जैतून है इसके अलावा रसदार फल वाले वनस्पति जैसे अंगूर ,नींबू ,नारंगी ,अनार वनस्पति पाई जाती है

शंकुधारी वन या टैगा वन 

  • नाम के अनुरूप अनुरूपी यह पेड़ पौधे दिखते हैं ,इस प्रकार की वनस्पति ऐसी जगह पर पाए जाते हैं जो ठंडा वाले स्थान हो और जहां पर बर्फबारी होती रहती है
  • इन वनों में पाए जाने वाले वनस्पतियों के पत्ते छोटी और नुकीली होती है
  • इनमें पाए जाने वाले वनों में लकड़ी मुलायम और हल्की होती है जिसका उपयोग क्रिकेट बैट आदि बनाने के लिए प्रयोग होता है
  • यहां पर चीड़ ,देवदार, आबनूस जैसे पेड़ प्रजाति पाए जाते हैं
  • ऐसी वनों में जैव विविधता बहुत कम होती है

भारत में वनों का वर्गीकरण चैंपियन और सेठ के द्वारा

चैंपियन एक विदेशी व्यक्ति था और s.k. सेठ एक भारतीय व्यक्ति थे इन दोनों के द्वारा ही भारतीय वनों का 1936 में वर्गीकरण किया गया उनके अनुसार

भारतीय वनों को जलवायु के आधार पर छह प्रमुख समूह में बांटा गया

और इन 6 समूह को 16 उप प्रमुख समूह में बांटा गया जिनके बांटने का आधार तापमान और आद्रता था

1968 में चैंपियन और सेठ के आधार पर भारत में वनो का वर्गीकरण और वन प्रतिशत 

  • उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन-41.87
  • उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वन-19.73
  • उष्णकटिबंधीय अर्द्ध सहाबहार वन-13.79
  • हिमालयी नम/आर्द्र समशीतोष्ण वन-4.12
  • उष्णकटिबंधीय नम सदाबहार वन-2.92
  • उपोष्णकटिबंधीय चौड़ी पत्ती वाले पर्वतीय वन-2.69
  • उपोष्ण कटिबंधीय देवदार वन-2.63
  • उपोच्च पर्वत शिखरीय, आर्द्र उच्च पर्वत शिखरीय, शुष्क उच्च पर्वत शिखरीय वन-2.55
  • उष्णकटिबंधीय कंटीले/झाड़ी वन- 2.55
  • हिमालयी शुष्क समशीतोष्ण वन -0.84
  • तटीय और दलदली वन -0.69
  • पर्वतीय नम समशीतोष्ण वन-0.69
  • वनो से बाहर उपस्थित वृक्छारोपण – 5.07

 ICFRE- के आधार पर भारतीय वन का वर्गीकरण

Indian Council of Forestry Research Education (ICFRE)-के द्वारा भारत में वन के प्रकार और वर्गीकरण जानने के लिए के लिए 2013 में report जारी किया गया इस नए वर्गीकरण में वर्गीकरण के लिए नया प्रणाली का प्रस्ताव किया गया है जिसके आधार पर भारत के वनों को 10 समूह और 44 उप प्रकार में बांटा गया है

प्रशासनिक आधार पर भारत में वनो के प्रकार

आरक्षित वन (Reserved Forests)

इस प्रकार कौन सरकार के डायरेक्ट कंट्रोल में होता है जिसमें किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश लकड़ी काटना पशु चारण जैसी गतिविधियों को बंद किया जाता है और सरकार के द्वारा ही प्रबंध किया जाता है इसके अंतर्गत देश के 53% वन प्रदेश आते हैं

संरक्षित वन (Protected Forests)

इस प्रकार के वन भी सरकार के कंट्रोल में होते हैं किंतु मानवीय गतिविधियां जैसे उपयोग के लिए लड़कियां और नियंत्रित मात्रा मैं पशु चराई को अनुमति प्रदान की जाती है किंतु इसमें एक शर्त होता है कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार से वन को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा, देश में पाए जाने वाले 29% वन प्रदेश इसके अंतर्गत आते हैं

अवर्गीकृत वन (Unclassified Forests)

अवर्गीकृत  वन भारत में 18% वन प्रदेश में फैले हुए हैं यह वन ऐसे होते हैं जहां पर  मवेशी चराई वृक्षों को काटने पर बिल्कुल भी प्रतिबंध नहीं होता है

भारतीय संविधान में वन के प्रकार

 राज्य वन

इन वनों में केंद्र सरकार का पूरी तरह नियंत्रण होता है देश में पाए जाने वाले के लगभग 94% वन प्रदेश इसके अंतर्गत आते हैं

 वाणिज्यिक वन

इन वनों का स्वामित्व और प्रशासन स्थानीय निकाय के द्वारा किया जाता है जिसमें नगर निगम जिला बोर्ड तथा ग्राम पंचायत शामिल होते हैं इसमें देश के लगभग पांच प्रतिशत वन प्रदेश आते हैं

 निजी  वन

यह ऐसे वन होते हैं जिनका स्वामित्व और प्रबंधन किसी एक व्यक्ति के द्वारा निजी तौर पर किया जाता है इसके आधार पर देश में एक प्रतिशत से अधिक भाग वन क्षेत्र शामिल है

Conclusion – भारत में वनो के प्रकार

आप ने जाना वन की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है इसे सिर्फ प्राकृतिक दृष्टिकोण और भौगोलिक आधार पर परिभाषित किया जा सकता है भारत में भौगोलिक आधार पर वनों का वर्गीकरण किया गया है जिसमें जलवायु और मौसम मुख्य कारण है वनों के वर्गीकरण में चैंपियन और सेट परीकरण वर्गीकरण की अतिरिक्त इंडियन काउंसिल फॉर फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के द्वारा भी वर्गीकरण किया गया है इसके बारे में हमने विस्तार से आपको बताया है

यदि वनों की प्राकृतिक वर्गीकरण करना हो तो भौगोलिक आधार पर भारत में वन के प्रकार को  विस्तार से आपको बताया है ,हमारा देश विविधताओं से भरा पड़ा है जिसमें तीन ओर से समुद्री तट है महाराष्ट्र से लेकर तमिलनाडु और तमिलनाडु से लेकर पश्चिम बंगाल तक विशाल समुद्र फैला हुआ है इसमें अरब सागर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी तीन समुद्र है

इसके अतिरिक्त भारत की उत्तर पूर्वी राज्यों में हिमालय श्रृंखला का विस्तार है, जिसकी वजह से पर्वतीय वन छेत्र पाए जाते हैं किंतु ऐसे  क्षेत्र में वहां पर तापमान कम होता है जिसकी वजह से वहां टैगा वन पाया जाता है

 इसके अतिरिक्त भारत के उत्तरी और पश्चिम क्षेत्र को अगर  देखें तब आप  पाएंगे कि हिमाचल और जम्मू कश्मीर का क्षेत्र पहाड़ी प्रदेश है जहां पर भी तापमान कम होता है और वहाँ भी शितोषण वन पाया जाता है 

 और उसके जस्ट नीचे उतरे तब आप देख पाएंगे कि राजस्थान का मरुस्थल इलाका है जहां पर  जीरो फाइट प्लांट्स पाए जाते हैं और इसके अतिरिक्त तीन दिशाओं से लगे हुए समुद्री तट पर समुद्री और समुद्री परतंत्र पाया जाता है जिनमे mangrow प्रजाति के पेड़ पौधे पाए जाते हैं

अब तो आप पूरी तरह समझ पाए होंगे कि भारत में वन के कितने प्रकार हैं उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी इसके लिए हमने बहुत सारे विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की है

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” भारत में वनो के प्रकार” के बारे आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कृपया comment box में जरूर क्वेश्चन पूछे हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा, आप हमारे वेबसाइट पर यू ही आते रहे

FAQ- भारत में कितने प्रकार के वन पाए जाते हैं
  1. भारत में वन के प्रकार

    A भारत में उष्णकटिबंधीय वन,उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन, उष्णकटिबंधीय पर्णपाति वन या मानसूनी वन, शीतोष्ण  कटिबंधीय या मध्य अक्षांशीय वन, मध्य अक्षांशीय सदाबहार वन, मध्य अक्षांशीय पर्णपाति वन,भूमध्य सागरीय वन और शंकुधारी वन या टैगा वन पाए जाते है 

  2. मुख्यतः भारत में कितने प्रकार के वन पाए जाते हैं

    A भारत में मुख्यतः 5  प्रकार के वन पाए जाते हैं- उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन ,उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन ;उष्णकटिबंधीय कटीले वन,पर्वतीय वन,दलदली वन

  3. भारत में कितने प्रकार के वन पाए जाते हैं

    Aभारत में मुख्यतः 5  प्रकार के वन पाए जाते हैं

  4. भारत में किस प्रकार के वन सर्वाधिक पाए जाते हैं

    A उष्ण कटिबंधी पर्णपाती  वन सर्वाधिक पाए जाते हैं

  5. भारत में अधिकतर किस प्रकार के वन पाए जाते हैं

    A भारत में अधिकतर  उष्ण कटिबंधी पर्णपाती  वन सर्वाधिक पाए जाते हैं

  6. भारत में मैंग्रोव वन कहाँ पाए जाते हैं

    A भारत में सुंदर वन नेशनल पार्क में मैंग्रोव वन  अधिकांश मात्रा में पाया जाता है जबकि , भारत के समुद्री तटो  में इसकी उपस्थिति होती है

  7. भारत में सदाबहार वन कहाँ पाए जाते हैं

    A भारत में सदाबहार वन  वेस्टर्न घाट में पाए जाते हैं

  8. भारत में शंकुधारी वन कहाँ पाए जाते हैं

    A भारत में शंकुधारी वन ठन्डे और पहाड़ी छेत्रो में पाए जाते हैं

  9. भारत में उष्णकटिबंधीय वन कहां पाए जाते हैं

    Aभारत में उष्णकटिबंधीय वन भू मध्य रेखा के आस पास  अधिक मात्रा में पाए जाते हैं

  10. भारत में वन अनुसंधान संस्थान कहां स्थित है

    A उत्तराखंड के देहरादून में  वन अनुसंधान संस्थान स्थित है

  11. अल्पाइन वनस्पति भारत में कहां पाई जाती है

    A अल्पाइन वनस्पति भारत के उत्तर पूर्व हिमालय पहाड़ो में पाए जाते है 

  12. भारत में सर्वाधिक वन कहां पाए जाते हैं

    A क्षेत्रफल केआधार पर मध्य प्रदेश में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है।

  13. सर्वाधिक वन ,प्रतिशत में कहा है

    A वन प्रतिशत में शीर्ष राज्य मिजोरम (84.53%) है

  14. भारत में वर्षा वन कहाँ पाये जाते हैं

    A भारत में वर्षा वन वेस्टर्न घाट में  पाये जाते हैं

  15. भारत में कितने प्रतिशत वन है 2023

    A  भारत में कुल भूमि के  24.62 प्रतिशत भाग पर वन  है।

  16. भारत में सदाबहार वन कहां मिलते हैं

    A भारत में सदाबहारवन वेस्टर्न घाट में  पाये जाते हैं

  17. भारत में सर्वाधिक वन किस राज्य में है

    A क्षेत्रफल के आधार पर , मध्य प्रदेश में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है और प्रतिशत के आधार पर मिजोरम का 84.53% हिस्सा वन छेत्र है 

  18. भारत में वन भूमि का प्रतिशत क्या है

    A भारत में वन भूमि 24.62 प्रतिशत है 

  19. भारत की वनस्पति में इतनी विविधता क्यों है

    A भारत की  भौगोलिक विविधता के कारण वनस्पति में इतनी विविधता पायी जाती है 

  20. भारत में वन दिवस कब मनाया जाता है

    A भारत में वन दिवस  21 मार्च को मनाया जाता है

  21. भारत में वन महोत्सव कब मनाया जाता है

    A 1950 में केएम मुंशी के द्वारा प्रारम्भ किया गया ,हर साल जुलाई के पहले सप्ताह में मनाया जाता है

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