वाष्पोत्सर्जन क्या होता है
पेड़ पौधे द्वारा जब मिट्टी से अधिक मात्रा में पानी अवसोसित किया जाता है और तब इस अवसोसित पानी का उपयोग नहीं हो पाता है ऐसी इस्थिति में पेड़ पौधों में उपस्थित रंध्र के द्वारा वातावरण में छोड़ दिया जाता है इस प्रकार की पौधों में पाए जाने वाले तत्व वाष्पोत्सर्जन कहलाती है,वाष्पोत्सर्जन क्या होता है अब आप समझ गए होंगे चलिए विस्तार से जानते है transpiration के बारे में
वाष्पोत्सर्जन की परिभाषा
पौधों की वयावीय भाग से अतिरिक्त जल को जल वास्प के रूप में वातावरण में छोड़ने की प्रक्रिया वाष्पोत्सर्जन कहलाता है, इसमें पौधों के पत्तों में उपस्थित रंध्र द्वारा वाष्पोत्सर्जन क्रिया को क्रियान्वित किया जाता है वाष्पोत्सर्जन एक जैविक प्रक्रिया है तथा तथा यह केवल जीवित पौधों में होता है पौधों में जड़ के द्वारा अवशोषित जल का 90 से 99% वाष्पोत्सर्जन होता है
वाष्पोत्सर्जन की क्रिया विधि
एक पौधा लगा हुआ गमला लेते हैं जिसको बेलजार से पूरी तरह ढक देते हैं और पूरी तरह से एयर लॉक कर देते है और इस पूरे सिस्टम को खुले धूप में रख देते हैं
कुछ देर बाद हम देखते हैं कि बेल जार की आंतरिक सतह पर जल के छोटे-छोटे बूंद दिखाई देते जिसे सिद्ध होता है कि वाष्पोत्सर्जन की क्रिया स्टोमेटा के द्वारा संपन्न कराते हैं तथा इसमें स्टोमेटा से वास्प के रूप में जल का उत्सर्जन होता है जो बेल जार के आंतरिक सतह पर छोटे छोटे बूंदो के रूप में लगा हुआ दिखाई देता है
वाष्पोत्सर्जन के प्रकार
पेड़ पौधों में पत्ते के द्वारा वाष्प का उत्सर्जन पर्नील वाष्प उत्सर्जन कहलाता है जबकि तना और शाखाओं के द्वारा वाष्पोत्सर्जन बहुत कम मात्रा में होता है
पौधों में वाष्पोत्सर्जन होने के आधार पर तीन प्रकार मैं बांटा गया है
रंध्ररिय वाष्पोत्सर्जन
पेड़ पौधों में स्टोमेटा के द्वारा जल जल का 90% भाग वास ग्रुप में बाहर आ जाता है पेड़ पौधों के पत्ते और तनो में छोटे-छोटे असंख्य मात्रा में जिन्हें रंध्र कहा जाता है रंध्र चारों ओर विशिष्ट कोशिकाओं के द्वारा घिरे होते हैं रंध्र के द्वारा जल का वास्प के रूप में उत्सर्जन होता है
द्विबीजपत्री पौधों में पत्तों की निचली सतह पर रंध्र पाए जाते हैं तथा एक बीज पत्री पत्तों पर दोनों सतह पर रंध्र पाए जाते हैं
उप त्वचीय वाष्पोत्सर्जन ( cuticular transpiration )
पेड़ पौधे की पत्तियां शाखाएं तथा तनो में cuticular पाया जाता है जिससे वातावरण पर अल्प मात्रा में वास्प का उत्सर्जन होता है इसके द्वारा सिर्फ जल का 1 से 3% ही उत्सर्जन होता है
वात रंध्र वाष्पोत्सर्जन ( lenticular transpiration )
पेड़ पौधों के साखाओ और तनों में छोटे-छोटे चिद्र पाए जाते हैं इन चिद्र को वात रंध्र कहा जाता है, इन रंध्र द्वारा वास्प का उत्सर्जन,वातरंध्र वाष्पोत्सर्जन कहलाता है ,
CONCLUSION –
वाष्पोत्सर्जन पर हमने आपको विस्तार से बताया कि पेड़ पौधे द्वारा जब जमीन के अंदर से पानी खींचा जाता है तब उसका 90% से 99% भाग वास्तव के रूप में उत्सर्जित हो जाता है जिसमें हमने आपको बताया कि वाष्पोत्सर्जन में रंध्ररिय वाष्पोत्सर्जन,उप त्वचीय वाष्पोत्सर्जन,वात रंध्र वाष्पोत्सर्जन जैसे घटक शामिल है
Q वाष्पोत्सर्जन से आप क्या समझते हैं?
जल का वास्प के रूप में पौधों के रन्ध्र से निकलना वाष्पोत्सर्जन कहलाता है
Q वाष्पोत्सर्जन कितने प्रकार के होते हैं?
वाष्पोत्सर्जन 3 प्रकार के होते है ,रंध्ररिय वाष्पोत्सर्जन ,उप त्वचीय वाष्पोत्सर्जन ,वात रंध्र वाष्पोत्सर्जन
Q वाष्पोत्सर्जन से क्या हानि होती है?
वाष्पोत्सर्जन से जल की हानि होती है
Q वाष्पोत्सर्जन के लिए उत्तरदाई अंग कौन है?
वाष्पोत्सर्जन के लिए उत्तरदाई अंग स्टोमेटा है
Q वाष्पोत्सर्जन को प्रभावित करने वाले कारक?
तापमान और आद्रता वाष्पोत्सर्जन को प्रभावित करने वाले कारक है
Q वाष्पोत्सर्जन के फायदे और नुकसान क्या हैं?
फायदे – जल का भूमि से अवशोषण होता है
नुकसान- जल का वास्प के रूप में नुकसान होता है
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