रक्त समूह क्या है
रक्त में पाए जाने वाले लाल रक्त कणिका में दो प्रकार के एंटीजन पाया जाता है जिन्हें A और B कहा जाता है, इन एंटीजन को agglutinogens कहा जाता है उसी प्रकार रक्त प्लाज्मा में भी दो प्रकार की एंटीबॉडी उपस्थित होते हैं जिन्हें एंटीबॉडी Aऔर एंटीबॉडी B भी कहा जाता है, एंटीबॉडी को एगलूटीनिन कहा जाता है और इसी की उपस्थिति के आधार पर रक्त को रक्त समूह में बांटा गया है
वर्तमान मेडिकल साइंस में जब रक्त की आवश्यकता पड़ती है तब यह देखा जाता है कि कौन सा व्यक्ति में किस प्रकार का रक्त समूह स्थित है और इसी प्रकार से ही रक्त समूह ज्ञात करके उसे उचित प्रकार का रक्त समूह दिया जाता है
रक्त समूह की खोज किसने की
इसकी खोज सन 1900 में अमेरिकी वैज्ञानिक landsteiner ने किया था इन्होंने ही बताया था कि लाल रक्त कणिकाओं में एंटीजन और एंटीबॉडी होती है जिस की उपस्थिति के आधार पर रक्त समूह ज्ञात की जाती है
रक्त समूह कितने होते हैं
रक्त समूह को एंटीजन और एंटीबॉडी की उपस्थिति के आधार पर 4 वर्गों में बांटा गया है जो कि निम्न है
वर्ग A
इस प्रकार के रुधिर वर्ग में एंटीबॉडी A तथा एंटीजन B होता है
वर्ग B
इस प्रकार के रुधिर वर्ग में एंटीबॉडी B तथा एंटीजन A होता है
वर्ग AB
इस रक्त समूह एंटीजन A और एंटीजन B दोनों होता है किंतु एंटीबॉडी उपस्थित नहीं होती है
वर्ग O
इस प्रकार के रुधिर समूह में केवल एंटीबॉडी Aऔर एंटीबॉडी B उपस्थित होते हैं किंतु एंटीजन उपस्थित नहीं होते हैं
सर्वदाता रक्त समूह
सर्वदाता रक्त समूह O समूह को कहा जाता है इस ग्रुप के व्यक्ति से ले लिया गया रक्त सभी वर्ग की व्यक्तियों को दिया जा सकता है इसलिए इस रक्त समूह को सर्वदाता रक्त समूह कहा जाता है
सर्वग्राही रक्त समूह
सर्वग्राही रक्त समूह AB रक्त समूह को कहा जाता है इस समूह में शामिल व्यक्ति किसी भी रक्त समूह वाले व्यक्ति से रक्त ग्रहण कर सकता है
अन्य भी पढ़े
FAQ रक्त समूह क्या है
रक्त समूह क्या है
लाल रक्त कणिका में पाए जाने वाले एंटीजन और एंटीबॉडी कि उपस्थिति के आधार पर रक्त को समूह में बांटा गया है इस आधार पर चार प्रकार के रक्त समूह पाए जाते हैं
रक्त समूह की खोज किसने की
रक्त समूह की खोज landsteiner नामक अमेरिकी वैज्ञानिक ने सन 1900 में की थी
रक्त समूह का आविष्कारक है
रक्त समूह के आविष्कारक landsteiner है
रक्त समूह कितने प्रकार के होते है
रक्त समूह 4 प्रकार के होते हैं