वर्णांधता क्या है
जब किसी व्यक्ति द्वारा लाल, हरे और नीले रंग को पहचानने में मुश्किल आती है तब इस प्रकार का दोष वर्णांधता या कलर ब्लाइंडनेस कहा जाता है, वर्णांधता रोग से अधिकांश पुरुष ग्रसित होते हैं जबकि महिलाएं इस दोष के अधिकांश वाहक होते हैं
वर्णांधता की खोज किसने की
जॉन डाल्टन ने सबसे पहले वर्णांधता की खोज की
आँखें रंगो को कैसे पहचानती हैं
आंख में प्रतिबिंब रेटिना पर बनता है रेटिना पर पर मुख्यतः प्रकाश संवेदी 2 कोशिकांग पाए जाते हैं जिनको रॉड्स और कोन्स के नाम से जाना जाता है
रॉड्स के द्वारा प्रकाश और अंधकार को पहचाना जाता है जबकि कोन्स के द्वारा प्रकाश में उपस्थित मुख्यतः तीन रंग लाल हरा और नीला को पहचाना जाता है
किंतु जब कभी अनुवांशिक रोग या ऑप्टिक नर्व की कोशिकाओं में डैमेज हो तब लाल हरा और नीला रंग को पहचानने में समस्या आती है इससे कलर ब्लाइंडनेस उत्पन्न होती है जिससे कि कभी-कभी लाल हरा नीला रंग को समझने में समस्या आती है या कभी कभार यह तीनों रंग ही दिखाई नहीं देते हैं
वर्णांधता का कारण क्या है
महिलाओं में दो एक्स गुणसूत्र पाए जाते हैं इस कारण जब महिलाओं के किसी एक्स गुणसूत्र पर वर्णांधता प्रभावी होता है तब महिला में वर्णांधता दोस नही होता बल्कि वह वर्णांधता का वाहक होती है
और यदि दोनों एक्स गुणसूत्र पर वर्णांधता यदि प्रभावी होता है तब ही महिला वर्णांधता से पीड़ित होती है
किंतु पुरुषों में एक्स और वाई गुणसूत्र पाया जाता है जिसमें से एक्स गुणसूत्र पर वर्णांधता प्रभावी होता है, क्योंकि दूसरा गुणसूत्र x नही होता बल्कि y होता है, इस स्थिति में पुरुष में वर्णांधता दोस प्रकट होता है और वह लाल और हरे रंग में अंतर नही कर पाता
क्या वर्णांधता अनुवाआंशिक दोस है
हा वर्णांधता दोस अनुवांशिक है क्योंकि इसमें जीन के द्वारा सूचनाएं प्रवाहित होती है गुणसूत्र के अंदर ही यह जीन पाए जाते हैं जिसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी मैं यह दोस प्रभावित होता है और इसमें अधिकांश पुरुष वर्णांधता रोग से ग्रसित होते हैं जबकि महिलाएं इसका वाहक होती है
क्या वर्णांधता का इलाज है
अभी तक मेडिकल साइंस में वर्णांधता पर रोक का उपचार खोजने में सफलता नहीं पाई है जिस प्रकार की एड्स और एचआईवी का भी इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है उम्मीद है कि आने वाले वक्त में वर्णांधता जैसे अनुवांशिक रोगों का इलाज किया जा सकता है
वर्णांधता को कैसे रोके
वर्णांधता फैलने से रोका जा सकता है इसको किसी परिवार की मेडिकल हिस्ट्री से चेक किया जा सकता है अगर किसी परिवार में किसीवर्णांध महिला की आने के बाद उससे कोई बच्चा पैदा होता है तब वह बच्चा को वर्णांधता रोग हो ऐसा 50-50 चांस हो सकता है इस आधार पर अन्य को बताया जा सकता है कि इस महिला की जितने भी बहने होंगी वे सभी वर्णांधता के वाहक होंगे और उनके भाइयों में वर्णांधता रोग पाए जाने की चांसेस 50-50 होगी
इसकेआधार पर इनकी फैमिली बढ़ाने पर रोक लगाकर या सही वर्णांधता negative वाले साथी से शादी कर वर्णांधता को रोका जा सकता है
conclusion-
दोस्तों हमने अपने इस पोस्ट ” वर्णांधता क्या है ” में हमने आपको वर्णांधता के बारे में बताने की कोसिस की जिसमे आपको ज्ञात हुआ होगा की यह एक अनुवंशी रोग है जिसका इलाज अभी तक नहीं है इसको केवल लक्छण के आधर पर पहचाना जा सकता है , उम्मीद है आपको पोस्ट अच्छा लगे , कुछ क्वेश्चन हो तो जरूर पूछे
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FAQ-वर्णांधता क्या है
- वर्णांधता क्या हैक्या है परिभाषा
जब किसी व्यक्ति द्वारा लाल और हरे रंग में अंतर करना असंभव हो तब इस प्रकार का रोग वर्णांधता कहलाता है
- कलर ब्लाइंडनेस का इलाज क्या है?
अभी तक मेडिकल साइंस में कलर ब्लाइंडनेस का इलाज संभव नहीं हो पाया है
- क्या लड़कियां कलर ब्लाइंड हो सकती हैं?
लड़कियां कलर ब्लाइंड हो सकती किन्तु इसकी सम्भावना कम है ,लड़कियां अधिकांश कलर ब्लाइंडनेस जीन का वाहक होती है
- कलर विजन टेस्ट कैसे होता है?
ishihara plate से कलर विजन टेस्ट होता
- कलर ब्लाइंडनेस किसकी कमी से होता है?
कलर ब्लाइंडनेस किसी विटामिन या प्रोटीन की कमी से नहीं होता, बल्कि यह अनुवांशिक है
- वर्णांधता के लिए कौन सा कोशिका विकार जिम्मेदार है?
वर्णांधता के लिए कोई कोशिका जिम्मेदार नहीं होता है, बल्कि जीन विकार के कारण वर्णांधता होता है
- कलर विजन टेस्ट कैसे होता है?
ishihara plate में लाल , नीला और हरा रंग का अल्फाबेट या कोई नंबर प्रिंट होता है इसे व्यक्ति द्वारा नहीं पहचान पाने पर उसे कलर ब्लाइंड कहा जाता है